घटिया शराब की घटना को लेकर सरकार पर आरोप लगाने वाली शिअद लीडरशिप को राणा सोढ़ी ने आड़े हाथों लिया
कहा, सरकार पर आरोप लगाने से पहले खुद के कार्यकाल 2012 व 2016 में हुई इस तरह की घटनों की तरफ एक बार जरूर झांकें अकाली
फिरोजपुर: घटिया शराब की वजह से हुई मौतों को लेकर कैप्टन अमरेंदर सिंह सरकार पर आरोप लगाने को लेकर अकाली नेताओं पर धावा बोलते हुए पंजाब के खेल व युवक सेवाएं मामलों के मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा है कि इस तरह के आरोप लगाने से पहले अकाली नेता खुद के कार्यकाल 2012 व 2016 में घटिया शराब से गुरदासपुर व बटाला में हुई मौतों की घटनाओं पर नजर जरूर डालें।
सोमवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनों में अकाली-भाजपा के कार्यकाल में कई लोगों की जान ली थी लेकिन तत्कालीन गठबंधन सरकार ने इस घटना खासकर बटाला में हुई मौतों के लिए न तो कोई एफआईआर दर्ज की और न ही किसी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई की। जबकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी किए और ये जांच सीनियर आईएएस अधिकारी व जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर को सौंपी और उन्हें एक महीने में जांच पूरी करके सरकार को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री की तरफ से सात आबकारी अधिकारियों व इंस्पेक्टर्स, दो डीएसपी व चार एसएचओ को इस मामले में लापरवाही के चलते सस्पेंड कर दिया गया है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर पर कटाक्ष करते हुए कैबिनेट मंत्री राणा सोढ़ी ने कहा कि लोगों का अकाली दल की लीडरशिप पर यकीन खत्म हो गया है। यहां तक कि अकाली दल लुप्त होने की कगार पर आ गया है क्योंकि पार्टी के कई बड़े लीडर शिअद(डैमोक्रेटिक) को ज्वाइन कर चुके हैं, जिसकी अगुवाई निष्ठावान अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिअद (बादल) को अलविदा कहने वाले नेता पार्टी के निरंकुश संचालन व सदी पुरानी पार्टी के एक परिवार की निजी जागीर बनने की वजह से घुटन महसूस करने लगे थे।