25 फरवरी से रंग आंगन नाट्योत्सव
जहां कहीं जिंदगी में कुछ कमी आती है, नाटक उसे पूरा करता है: मनीष जोशी
-कमलेश भारतीय
हिसार: जहां कहीं जिंदगी में कुछ कमी आती है , नाटक उसे पूरा करता है । घर में पेचकश, पलास पड़े रहते हैं लेकिन जब कहीं कोई ढील आती है तब ये सब फिर से कस देते हैं । ऐसे ही नाटक हमारी जिंदगी में भूमिका निभाते हैं ।
पिछले आठ वर्षों से आठ दिन का रंग आंगन नाट्योत्सव करने वाले रंगकर्मी मनीष जोशी का नाटक को लेकर यही कहना है । इस आठ दिवसीय नाट्योत्सव का अब हिसारवासियों को ही नहीं बल्कि देश भर के रंगकर्मियों को इंतजार रहता है । इंडिया टूडे के अनूठे कलाकारों में भी मनीष जोशी पिछले वर्ष चुने गये थे ।
-इस बार कितने नाटक मंचित होंगे ?
-कुल तेरह नाटक । इस नाट्योत्सव को अमृत महोत्सव को समर्पित किया गया है । दूसरे प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर पर राखी जोशी सुरों की लता कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करेंगीं ।
-कहां कहां से आयेंगे रंगकर्मी ?
-शुरूआत होगी हमारी संस्था के नाटक 'दास्तान ए रोहनात' जिसे यशराज शर्मा ने लिखा है और मैंने निर्देशन किया है । पंजाब से आयेगा 'भूख तो आग है ' और दिल्ली से दो नाटक -कम्बख्त इश्क और हाय मेरा दिल । मुम्बई से राकेश बेदी का 'जब भी सेपेरिटिड' ।
-कितनी मुश्किलें उठानी पड़ती हैं ?
-सबसे बड़ी आर्थिक मुश्किल जिसे मनोज बंसल और लाइफ मेंबरर्स ने काफी हद तक दूर कर रखा है । फिर रिहर्सल के लिए स्पेस जो किराये पर ले रखी है । टिकट से कोई नाटक नहीं देखना चाहता । फ्री में सब देखना पसंद करते हैं ।
-कोरोना काल में क्या स्थिति रही कलाकारों की ?
-बहुत कठिन । ऑनलाइन थियेटर कैसे हो सकता था ? हां, नये नाटक लिखने का समय मिल गया । इसके बावजूद नाट्योत्सव हर साल किया ।
-नाटक से जिंदगी में क्या हो पाता है ?
-नाटक से जब जब जिंदगी में कुछ कमी आती है वह पूरी हो जाती है । जैसे घर में पलास व पेचकश पड़े रहते हैं लेकिन जब कहीं कुछ ढील आती है , वहीं सब कुछ कस देते हैं । यही काम नाटक हमारी जिंदगी में करते हैं ।
हमारी शुभकामनाएं मनीष जोशी और उसके रंग आंगन नाट्योत्सव को ।