प्रीत साहित्य सदन द्वारा द्वारा आयोजित दो पुस्तकों का विमोचन व काव्य गोष्ठी संपन्न
प्रीत साहित्य सदन द्वारा इस बार अपनी मासिक सभा में शेली वाधवा का प्रथम नव प्रकाशित काव्य संकलन, कागजी रस्में, और अरुण धर्मावत (जयपुर से) व सीमा भाटिया का नव प्रकाशित लघुकथा संग्रह, अभी कहना शेष है, का लोकार्पण किया गया।
लुधियाना: प्रीत साहित्य सदन द्वारा इस बार अपनी मासिक सभा में शेली वाधवा का प्रथम नव प्रकाशित काव्य संकलन, कागजी रस्में, और अरुण धर्मावत (जयपुर से) व सीमा भाटिया का नव प्रकाशित लघुकथा संग्रह, अभी कहना शेष है, का लोकार्पण किया गया।
इन पुस्तकों पर प्रपत्र पढ़ते हुए प्रोफेसर नीलम व श्रद्धा शुक्ला ने बड़ी सूक्ष्मता से रचनाओं का विश्लेषण किया उन्होंने दोनों पुस्तकों का क्रमशः समीक्षात्मक अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉक्टर महिमा खोसला ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व पुलिस अधीक्षक गुरुदीश सिंह गिल अथवा विशिष्ट अतिथि के रूप में सागर सियालकोट की उपस्थित हुए।
सभा के द्वितीय चरण में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 15 कवियों ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
मंच संचालन मनोज प्रीत द्वारा किया गया जबकि रचनाओं का समाज व जीवन शैली के प्रभावों पर होती चर्चा का बड़ी गहनता से विचार किया गया।
जोधपुर से आए रमेश लाल ने अपनी कागजी फूलों की कलाकृतियों से सभी को भाव विभोर कर दिया
कार्यक्रम संचालक रविंद्र अग्रवाल ने बताया की सदन द्वारा प्रत्येक माह ऐसी सभा में पुस्तकों का विमोचन व काव्य गोष्ठी का आयोजन निरंतर होता है।