वाल्मीकिकाव्य का विमोचन
हरियाणा के मुख्यमन्त्री मनोहर लाल ने किया विमोचन
चंडीगढ़: संस्कृत कवि प्रो. अलंकार के नए संस्कृत काव्य वाल्मीकिप्रशस्तिकाव्यम् का हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल ने 3 फरवरी 2021 को किया विमोचन। प्रो. अलंकार ने जानकारी दी कि महर्षि वाल्मीकि का दिव्य चरित्र कविजगत् के लिए सदा अनुकरणीय रहा है। उनके काव्य में केवल रामचरित ही नहीं है, बल्कि यह संकल्पना भी है कि समाज कैसा होना चाहिए। सचमुच वे तो कविलोक के प्रजापति ही हैं। रामचरित के माध्यम से परिवार, माता-पिता-सन्तान के सम्बन्धों का जो आदर्श आदिकवि ने प्रस्तुत किया है, वह विश्व के लिए दिशाबोधक है। इस काव्य में महर्षि वाल्मीकि की इन्हीं उदात्त चेतनाओं का वर्णन कवि ने किया है। प्रो. अलंकार संस्कृत जगत् के प्रसिद्ध कवि हैं। इससे पूर्व इनके देवप्रशस्तिकाव्यम्, अपूर्वलोकः, पद्मचन्द्रोदयम् आदि कई संस्कृत काव्य प्रकाशित हो चुके हैं। इनके कई काव्यों पर कई विश्वविद्यालयों में शोधकार्य भी हो चुका है। प्रो. अलंकार पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ में पिछले 30 वर्षों से कार्यरत हैं तथा संस्कृत विभाग व दयानन्द चेयर ऑर वैदिक स्टडीज् के अध्यक्ष हैं। वाल्मीकिप्रशस्तिकाव्यम् की हिन्दी व्याख्या डीएवी कॉलेज, चण्डीगढ की प्रोफेसर डॉ. अलंकार सुषमा ने की है।