वैश्विक स्तर पर शैक्षणिक तथा शोध विशिष्टता के लिए शोध इंपैक्ट महत्वपूर्ण हैः प्रो. पवन बुधवार
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को एमडीयू के ग्लोबल आउटरीच के लिए प्रभावी पहल बताया।
रोहतक, गिरीश सैनी। वैश्विक स्तर पर शैक्षणिक तथा शोध विशिष्टता के लिए शोध इंपैक्ट महत्वपूर्ण है। शोध इंपैक्ट अनुसंधान की गुणवत्ता, गुणवत्तापरक शोध प्रकाशन समेत शोध के सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक प्रभाव पर भी निर्भर करता है। यूनाइटेड किंगडम के एस्टन यूनिवर्सिटी के एसोसिएट डिप्टी वाइस चांसलर प्रो. पवन बुधवार ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इंटरनेशनल एकेडमिक अफेयर्स द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ये उद्गार व्यक्त किए।
फास्टरिंग ग्लोबल कोलाबोरेशन इन हायर एजुकेशन विषयक इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्राध्यापकों तथा शोधार्थियों के लिए एकेडमिक एंड रिसर्च चैलेंजे्स विषयक विशेष सत्र का समन्वयन यूके के प्रो. पवन बुधवार ने किया। इस विशेष सत्र में यूएसए के प्रो. ओ.पी. धनखड़, डा. जोगेन्द्र सिंह, डा. मंजीत कौर, डा. सुमन ग्रेवाल, कनाडा के डा. गजेन्द्र अहलावत, यूके की प्रो. किरण गुलिया व डा. लक्ष्मी बुधवार ने बतौर पैनलिस्ट भाग लिया।
इन विशेषज्ञों ने विदेश में उच्चतर शिक्षा परिदृश्य विशेष रूप से शोध एवं उच्चतर शिक्षा की चुनौतियों को साझा करते हुए शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों को शोध प्रविधि, क्रिटिकल थिंकिंग, गुणवत्तापरक लेखन कला, प्रस्तुतिकरण कौशल, नवाचारी सोच विकसित करने की प्रेरणा दी। वक्ताओं ने शोध चोरी से बचने की सख्त हिदायत दी। विशेष रूप से समस्या निवारण शोध पर फोकस करने का परामर्श आमंत्रित वक्ताओं ने दिया।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन विश्वविद्यालय के ग्लोबल आउटरीच के लिए प्रभावी पहल है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा प्राध्यापकों को अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक परिदृश्य से इस सम्मेलन के जरिए रूबरू करवाया गया।
एमडीयू की प्रथम महिला तथा भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर इस विशेष सत्र में विशिष्ट रूप से उपस्थित रही। डीडीई कांफ्रेंस हॉल में आयोजित विशेष सत्र का समन्वयन डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. अरुण नंदा, डिप्टी डीन प्रो. महताब सिंह राणा तथा डा. केके शर्मा ने किया। निदेशक सीडीओई प्रो. नसीब सिंह गिल समेत विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं शोधार्थी मौजूद रहे।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बिजनेस मैनेजमेंट, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, आईएचटीएम के लिए तकनीकी सत्र का आयोजन आईएचटीएम कांफ्रेंस हॉल में किया गया। प्रो. पवन बुधवार इस सत्र में मुख्य वक्ता रहे। इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी के लिए विशेष सत्र यूआईईटी कांफ्रेंस हॉल में हुआ जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ वोल्वर हैंपटन, यूके की प्रो. किरण गुलिया ने संबोधित किया।
जीव विज्ञान संकाय के लिए विशेष सत्र में यूनिवर्सिटी ऑफ मेसाच्युसेट्स, यूएसए के प्रो. ओपी धनखड़, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रो. जोगेन्द्र सिंह तथा कनाडा के डा. जोगेन्द्र अहलावत ने इंटरेक्ट किया। स्वराज सदन में फार्मास्यूटिकल साइंसेज फैकल्टी के लिए आयोजित विशेष सत्र में यूएसए की डा. सुमन ग्रेवाल ने यूएसए में फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के परिदृश्य की जानकारी दी।
मनोविज्ञान विभाग में यूके की डा. लक्ष्मी बुधवार, यूएसए की डा. मंजीत कौर तथा जेएमआई, नई दिल्ली की प्रो. कुलविंदर कौर ने मनोविज्ञान तथा समाजशास्त्र विभाग के फैकल्टी, शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों के साथ इंटरैक्ट किया। सकारात्मक मनोविज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े, समाजशास्त्रीय विषयों, विशेष रूप से इस संबंध में वैश्विक परिदृश्य पर मंथन हुआ। यूएसए के ग्लोबल हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बालिंदर सिंह तथा ग्लोबल इंडियन ट्रेड एंड कल्चरल काउंसिल के अध्यक्ष हरिन्दर सिंह पनेसर तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आईपीएस सागर प्रीत हुड्डा की विशेष उपस्थिति तथा प्रतिभागिता इस सम्मेलन में रही।
डीन, सीआईएए प्रो. ऋषि चौधरी ने कहा कि यह सम्मेलन एमडीयू को वैश्विक शैक्षणिक लिंकेज मुहैया करवाने में अहम रहेगा। सीआईएए एसोसिएट डीन प्रो. आशीष दहिया तथा डिप्टी डीन डा. एस.एस. गिल ने इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समन्वयन किया। विश्वविद्यालय के संकाय अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, आयोजन समिति सदस्य, सीआईएए टीम, प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में शामिल हुए।