शोध मानव हित में होना चाहिएः प्रो. नरसी राम बिश्नोई
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पेटंट सेल के सौजन्य से ‘बौधिक सम्पदा अधिकार जागरूकता’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने किया। हरियाणा सरकार के पेटेंट सूचना सेल के वैज्ञानिक डॉ. राहुल तनेजा ने कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। कार्यशाला के संयोजक प्रो. अश्वनी कुमार व संयोजक सचिव डॉ. मीनाक्षी भाटिया भी मौजूद रहे।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि शिक्षक व शोधार्थी अपने शोध से आर्थिक विकास व रोजगार निर्माण के दरवाजे खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि शोध मानव हित में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के आयोजन से प्रतिभागियों को शोध के पहलुओं को समझने में एक सुनहरा अवसर मिला है।
मुख्य वक्ता डॉ. राहुल तनेजा ने कहा कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार वर्तमान समय की जरूरत है। किसी भी देश में रोजगार, बिजनेस एवं समग्र विकास के लिए बौद्धिक सम्पदा अधिकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सम्पदा के उपयोग के लिए मौलिक अधिकार होते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को पेटंट व कॉपीराइट के अंतर के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि कैसे हम अपने ज्ञान व आविष्कार को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार सेल की स्थापना की आवश्यकता पेटेंट फाइलिंग में तकनीकी व आर्थिक सहायता के लिए होती है। उन्होंने प्रतिभागियों को पेटेंट आवेदन फाइलिंग की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। मुख्य वक्ता ने इंडियन पेटेंट एक्ट, इंडस्ट्रियल डिजाइन, कॉपी राइटिंग एवं संबंधित अधिकारों के बारे में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे कम से कम एक पेटेंट आवेदन अवश्य फाइल करें।
कार्यशाला संयोजक प्रो. अश्वनी कुमार ने अपने स्वागत सम्बोधन में कार्यशाला की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में 260 से अधिक शिक्षक व शोधार्थी प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।