शोधार्थी अपने ज्ञान एवं कौशल को निरंतर अपडेट करेः प्रो सोनिया मलिक
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के फैकल्टी ऑफ लॉ, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन तथा फैकल्टी ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड आर्ट्स द्वारा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के तत्वावधान में-रिसर्च मेथोडोलॉजी विषय पर संचालित कार्यशाला के तीसरे दिन विशेषज्ञ वक्ताओं ने कैपेसिटी बिल्डिंग, शोध के आयामों, शोध मूल्यों तथा शोध के प्रारूप बारे प्रतिभागी शोधार्थियों को बताया गया।
सुबह प्रथम सत्र में चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने- ट्रेट्स/कैरेक्टरिस्टिक नेसेसरी टू एनहांस कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफ द रिसर्चर विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। प्रो. सोनिया मलिक ने शोधार्थियों के साथ प्रभावी संचार कौशल तथा जीवन कौशल अभिवृद्धि का मूलमंत्र साझा किया। उन्होंने शोधार्थियों से अपने ज्ञान एवं कौशल को निरंतर अपडेट करने की बात कही। दूसरे सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन, इंटरनेशनल रिलेशन्स प्रो. अनिल राय ने- आदिकालीन साहित्य: शोध के आयाम विषय पर विस्तार से जानकारी दी।
तीसरे सत्र में दून यूनिवर्सिटी, देहरादून के प्रो. राजेश कुमार ने- रिसर्च एथिक्स: वेरियस डायमेंशन विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने शोध मूल्य की महत्ता बारे शोधार्थियों को अवगत करवाया। चौथे सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्रो. वेद प्रकाश ने- डिजाइनिंग ऑफ सिनॉप्सिस विषय पर विशेष जानकारी दी।