शोध के जरिए  नए ज्ञान का सृजन करें शोधार्थीः  कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

शोध के जरिए  नए ज्ञान का सृजन करें शोधार्थीः  कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के सामाजिक विज्ञान संकाय एवं शिक्षा संकाय द्वारा चौ. रणबीर सिंह सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान के तत्वावधान में आज स्वराज सदन में शोध पद्धति पर कार्यशाला प्रारंभ हुई।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बतौर मुख्यातिथि इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि शोध एक गंभीर विषय है, शोध के जरिए शोधार्थी नए ज्ञान का सृजन करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपने शोध को व्यावहारिक बनाने से पहले उसमें स्पष्टता होनी चाहिए।
कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों में अनुशासन ज्ञान के साथ-साथ समस्या समाधान दृष्टिकोण, जीवन कौशल एवं संचार कौशल होना चाहिए। विद्यार्थियों को नियमित रूप से पुस्तकालय जाना चाहिए तथा नवीनतम पत्रिकाओं को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए जो उनके शैक्षणिक एवं व्यावसायिक विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं। विद्यार्थियों को अंत:विषयी अनुसंधान पर भी ध्यान देना चाहिए, ऐसा उनका कहना था।
कुलसचिव डॉ. कृष्ण कांत ने कहा कि समाज के विकास के लिए शोध हो। उन्होंने कहा कि शोध का लाभ समाज तक पहुंचे, इस सोच के साथ शोधार्थी अपना शोध कार्य करें। डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. हरीश दुरेजा ने एमडीयू में शोध संस्कृति को बढ़ावा देने वाली योजनाओं बारे जानकारी दी।  इस कार्यशाला के संयोजक डीन, फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज प्रो. सेवा सिंह दहिया ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया।
चौ. रणबीर सिंह सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान के उपनिदेशक डॉ. राजेश कुमार ने संस्थान के विजन एवं गतिविधियों का ब्यौरा दिया। कार्यशाला समन्वयिका डा. शशि रश्मि ने कार्यक्रम में मंच संचालन किया। इस शोध कार्यशाला के समन्वयक डा. प्रदीप कुमार ने आभार जताया। इस दौरान संकाय डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक और सामाजिक विज्ञान और शिक्षा संकाय के विद्यार्थी और शोधार्थी मौजूद रहे। इस कार्यशाला में 35 शोधार्थी भाग ले रहे हैं।