शोध कार्य में तकनीक का समावेश करें शोधार्थीः प्रो. गुरमीत सिंह

एमडीयू में सात दिवसीय शोध प्रविधि कार्यशाला शुरू।

शोध कार्य में तकनीक का समावेश करें शोधार्थीः प्रो. गुरमीत सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। अनुसंधान में नवीनतम तकनीक ने शोध प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, सटीक और सरल बना दिया है। बेहतर शोध कार्य के लिए शोधार्थी वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, निरंतर अध्ययन करें और शोध कार्य में तकनीक का समावेश करें। ये उद्गार प्रतिष्ठित शिक्षाविद पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति एवं दिल्ली विवि के सेवानिवृत प्रोफेसर डा. गुरमीत सिंह ने एमडीयू में व्यक्त किए।

प्रो. गुरमीत सिंह ने एमडीयू के स्वराज सदन में फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज एंड फैकल्टी ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज द्वारा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय शोध प्रविधि कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए गुणवत्तापरक शोध कार्य के लिए शोधार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने शोधार्थियों को निरंतर अध्ययन करने और समय प्रबंधन की महत्ता से भी अवगत करवाया।

प्रो. गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्कृष्ट एवं समाजोपयोगी शोध के लिए इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने रिसोर्सेज की शेयरिंग पर बल देने की बात कही और इस दिशा में विश्वविद्यालयों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने एनईपी- 2020 की खूबियों पर भी प्रकाश डाला।

फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज के डीन एवं इस कार्यशाला के कंवीनर प्रो. एस.सी. मलिक ने शोध प्रविधि कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य शोधार्थियों को शोध के विभिन्न चरणों, तकनीकों और पहलुओं के बारे में गहन जानकारी प्रदान करता है। कार्यशाला निदेशक प्रो. संदीप मलिक प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया।
केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला समन्वयक प्रो. देवेंद्र सिंह ने आभार जताया। प्राध्यापिका डॉ. कोमल जाखड़ ने मंच संचालन किया।

इस दौरान गणित विभागाध्यक्ष प्रो. दलीप सिंह, कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन विभागाध्यक्षा डॉ. प्रीति गुलिया, फोरेंसिक साइंस विभागाध्यक्षा डा. नीलकमल, फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज के विभागों के प्राध्यापक- डॉ. प्रीति बूरा, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. हरिओम, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. अंजू पंवार, डॉ. अमरिंदर कौर सहित अन्य शिक्षक, पीआरओ पंकज नैन, प्रतिभागी शोधार्थी मौजूद रहे।