शोधार्थियों को शोध में क्रिएटीविटी तथा क्रिटिकल थिंकिंग पर फोकस करना होगाः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
रोहतक, गिरीश सैनी। गुणवत्तापरक शोध समय की जरूरत है। शोधार्थियों, विशेष रूप से सामाजिक विज्ञान के शोधार्थियों को सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक मुद्दों पर समस्या निवारण मूलक शोध करना होगा। ये विचार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने वीरवार को चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज तथा फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा संचालित की जा रही रिसर्च मैथोडोलॉजी कार्यशाला में शोधार्थियों से संवाद में व्यक्त किए।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने शोधार्थियों से शोध साहित्य समीक्षा पर विशेष ध्यान देने का परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को शोध में क्रिएटीविटी तथा क्रिटिकल थिंकिंग पर फोकस करना होगा। शोधार्थियों को रिसर्च एथिक्स का पालन करने को कहा। कुलपति ने इंटर डिसिप्लिनरी रिसर्च के महत्व को अपने संबोधन में रेखांकित किया।
व्याख्यान उपरांत कुलपति ने शोधार्थियों से सीधा संवाद किया तथा शोधार्थियों से फीडबैक लिया। निदेशक, सीआरएसआई प्रो. सोनिया मलिक ने स्वागत भाषण दिया तथा कार्यशाला बारे बताया। डीन, फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज प्रो. सेवा सिंह दहिया तथा प्रो. सोनिया मलिक ने कुलपति का हार्दिक अभिनंदन किया।
इस कार्यशाला में जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर डा. कुलविंदर कौर ने गुणात्मक शोध विश्लेषण तथा इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट, नई दिल्ली के डा. शैलेंदर कुमार ने मात्रात्मक शोध विश्लेषण पर व्याख्यान दिया। कार्यशाला समन्वयक डा. राजेश कुमार तथा डा. संजीव काद्यान ने समन्वयन किया। इस दौरान प्रो. जे.एस. धनखड़ तथा प्रो. संतोष नांदल समेत प्रतिभागी शोधार्थी मौजूद रहे।