क्या युवा कांग्रेस से निराश हो रहे हैं?भारतीय निर्यात की संभाव्यता, स्थिरता एवं तरलता देती हैं आरओडीटीईपी की दरें: डॉ ए शक्तिवेल, अध्यक्ष, फियो
लुधियाना: फियो के अध्यक्ष डॉ शक्तिवेल ने व्यापारिक क्षेत्र में निर्यात किए गए उत्पादों पर शुल्क एवं करों (आरओडीटीईपी) की दरों में छूट की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि ये बहुप्रतीक्षित दरें निर्यातकों की तरलता को आसान करने, संभाव्यता को सुनिश्चित करने और स्थिरता प्रदान करने में मदद करेगीं। इस तरह, ये दीर्घकालीन क्षितिज पर निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी बनाने में सहयोग करेंगी। उन्होंने कहा कि ये परिवर्तित दरें तुरंत ही लागू कर दी जानी चाहिए ताकि निर्यातक इस स्क्रीप का तुरंत इस्तेमाल उस मकसद के लिए कर सकें-शुल्क मुक्त आयात के लिए या अपनी नकदी का प्रवाह बढ़ाने में कर सकें। फियो के अध्यक्ष ने कहा कि आरओडीटीईपी की दरें, जो निर्यातों को शून्य छूट देती हैं, वे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से प्रतिस्पर्धी हैं और इस तरह, वे लंबे समय तक जारी रहेंगी, जब तक कि उत्पादों एवं सेवाएं को जीएसटी की धुरी के तहत नहीं लाया जाता तथा उनमें अंतर्निहित भार पूरी तरह निष्क्रिय नहीं कर दिए जाते। अध्यक्ष ने कहा कि आरओडीटीईपी जीएसटी रिफंड एवं और ड्यूटी ड्रॉबैक के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करती है कि हमारे निर्यात उत्पादों में करों और शुल्कों की कोई घटना न हो।
फियो के अध्यक्ष ने निर्यात किए गए उत्पादों पर शुल्क एवं करों की दरों के दायरे को अधिसूचना की तारीख से ही अग्रिम अधिकरण/डीएफआइए धारकों, ईओयू एवं ऐसइज़ेड इकाइयों तक बढ़ा दिए जाने के सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए यह अपील की कि इसके लाभों को 1 जनवरी 2021 से ही लागू कर दिया जाए। उन्होंने ऐसे कई अन्य क्षेत्रों को जैसे फार्मा, कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायनों, लौह एवं इस्पात की वस्तुओं तथा लौह एवं इस्पात को भी तुरंत प्रभाव से पहली जनवरी 2021 से ही आरओडीटीईपी के दायरे में लाए जाने का अनुरोध किया।
डॉ शक्तिवेल ने अनेक क्षेत्रों की निम्न दरों का विश्लेषण करते हुए कहा कि चूंकि उद्योग जगत द्वारा बनाए गए आंकड़ों के आधार पर ही दरें तय की जाती हैं, जो इस कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित हुई थी। ऐसे में अगर उद्योग जगत द्वारा व्यापक एवं अद्यतन डेटा मुहैया कराए जाएं तो उनके आधार पर दरों की समीक्षा की जा सकती हैं। इसके अलावा, उन मापदंडों के संबंध में करों और शुल्कों में परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए दरों की वार्षिक समीक्षा का प्रावधान है, जिनके आधार पर ऐसी दरें तय की जाती हैं।
डॉ शक्तिवेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वाणिज्य एवं उद्योग एवं कपड़ा मंत्री एवं वित्त मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि निर्यातकों के समर्थन में आरओडीटीईपी मुहैया कराने के लिए यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब निर्यात उत्तर दिशा की तरफ हो रहा है और महामारी की भरपाई कर रहा है, उनके इस निर्णय से निर्यात और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक होगा।
फियो के अध्यक्ष ने कहा कि निर्यात वर्तमान वित्तीय वर्ष में 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को पाने के रास्ते पर बढ़ रहा है। लेकिन रसद चुनौतियां, विशेष रूप से कंटेनरों की अनुपलब्धता, शिपिंग लाइनों की बंदी और उच्च माल ढुलाई एक गंभीर चुनौती है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह उपयुक्त उपाय करे ताकि इन बाधाओं को दूर किया जा सके।