हिंदुओं के लिए बांग्लादेश में स्वायत्त क्षेत्र बनाने की मांग की आरएसएस के अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख ने
इस्कॉन जैसी शांति का सन्देश देने वाली संस्था को आतंकवादी संगठन बताया जाना दुर्भाग्यपूर्णः भारत भूषण
रोहतक, गिरीश सैनी। बांग्लादेश में सनातन धर्म पर हो रहे अत्याचार के विरोध में मंगलवार को सनातन चेतना मंच के तत्वाधान में गुरुग्राम विवि में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
आरएसएस के अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख भारत भूषण ने अपने संबोधन में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के हितों पर हो रहे कुठाराघात को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए बांग्लादेश में स्वायत्त क्षेत्र बनाने की मांग करते हुए कहा कि खुलाना व सिलीगुड़ी को स्वायत्त क्षेत्र घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम में पाकिस्तान जैसी शक्तियां भी शामिल हैं। बांग्लादेश को सुरक्षित करने के लिए भारत ने ही बांग्लादेश को पाकिस्तान से स्वतंत्रता दिलाई थी। कट्टरपंथी मानसिकता के लोगों ने एक षड्यंत्र के चलते शेख हसीना को अपदस्थ करा दिया और उसके बाद से ही बांग्लादेश में जिहादी लोगों का नियंत्रण है। वहां खुले रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस मात्र एक मुखौटा है और इसके पीछे मुस्लिम कट्टरपंथी संगठनों का षड्यंत्र है।
अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख भारत भूषण ने इस्कॉन जैसी शांति का सन्देश देने वाली संस्था को आतंकवादी संगठन बताए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह सब वहां की सरकार के संरक्षण में ही हो रहा है। उन्होंने मोहमद यूनुस से नोबेल शांति पुरस्कार वापिस लेने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज को मिटाने की ताकत किसी भी शक्ति में नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर हिन्दू समाज एकत्रित होकर उठ खड़ा होगा तो सनातन शौर्य के सामने कोई भी आसुरी शक्ति टिक नहीं पाएगी।
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए ब्रह्मऋषि गीतानंद आश्रम के जयनन्द महाराज ने कहा कि कभी भारत से पूरा विश्व कांपता था, लेकिन हमारी आंतरिक फूट के कारण भारत कमज़ोर दिखाई देता है। उन्होंने उपस्थित जन से अपने पूर्वजों व महान संस्कृति को पहचानने का आह्वान करते हुए कहा कि कहने से नहीं, करने से समाधान होता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को एकजुट हो कर बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों का कड़ा विरोध कर दुनिया को सन्देश देना होगा। डॉ अशोक दिवाकर ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी एवं अनिल कश्यप ने मंच संचालन किया। इस विचार गोष्ठी में शहर की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और कार्यक्रम उपरांत राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला उपायुक्त को सौंपा।
गोष्ठी को पंजाबी बिरादरी महा संगठन के अध्यक्ष बोधराज सीकरी, कर्नल अनिल वैद्य, वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के अध्यक्ष शशिकांत शर्मा, डॉ परमेश्वर अरोड़ा, सनातन धर्म सभा अध्यक्ष सुरेंद्र खुल्लर, गुज्जर महासभा उपाध्यक्ष नाथू राम, इस्कॉन मंदिर संस्थान के प्रतिनिधि नरहरि कृष्ण दस, वैश्य समाज के अध्यक्ष आर.बी. सिंगला, राजपूत महासभा के पूर्व अध्यक्ष जतनबीर राघव, गुरुग्राम विवि के कुलसचिव डॉ. राजीव सिंह, पालम विहार गुरुद्वारा से सरदार जितेंद्र सिंह, गायत्री परिवार से शशि सोनी, केंद्रीय आर्यसभा प्रधान अशोक आर्य आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम संयोजक राम सज्जन व सह संयोजक सुरेंद्र तंवर ने आभार व्यक्त किया।