आरटी-पीसीआर की चिकित्सीय निदान में महत्ती भूमिका हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

एमडीयू में आरटी-पीसीआर कार्यशाला आयोजित।

आरटी-पीसीआर की चिकित्सीय निदान में महत्ती भूमिका हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में सोमवार को सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के तत्वावधान में प्रारंभ हुई रियल टाइम (आरटी)- पॉलीमरेस चेन रिएक्शन (पीसीआर) कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने किया।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि आरटी-पीसीआर की चिकित्सीय निदान में महत्ती भूमिका है। कोविड महामारी में इस प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कुलपति ने सीबीटी को इस तकनीकी कार्यशाला के आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

सीबीटी की निदेशिका डा. रीतू गिल ने स्वागत भाषण दिया और कार्यशाला की पृष्ठभूमि प्रस्तुत की तथा आरटी-पीसीआर के महत्व को रेखांकित किया। जीव विज्ञान संकाय की डीन प्रो. राजेश धनखड़ ने उद्घाटन सत्र में संबोधन किया।

इस दो दिवसीय कार्यशाला में बतौर विशेषज्ञ शामिल डा. गोविन्द व्यास, डा. गगन चूड़ा मणि तथा डा. संदीप शर्मा ने आरटी-पीसीआर संबंधित तकनीकी व्याख्यान दिए तथा हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दिया। जेनेटिक्स बायोटेक एशिया प्रा. लि. की ओर से कार्यशाला को तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया। सीबीटी के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी समेत अन्य विभागों के प्राध्यापक कार्यशाला में मौजूद रहे।