समाचार विश्लेषण/सदा न राजे राज करेंदे ...
सदा न बागां में बुलबुल बोले
-*कमलेश भारतीय
भाजपा के वरिष्ठ नेता व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भ्रम न पालें कि सत्ता में सदा रहेंगे । इसलिए अगेती फसल और अगेती मार यानी अपना प्रचार समय पर ही शुरू कीजिए । यह बात राजनाथ सिंह ने कही और वह भी हरियाणा में । जनता से जुडाव रखना होगा और अभी से तैयारी करनी होगी लेकिन यह भूल न करना का सत्ता में हमेशा रहेंगे । इसे पंजाबी में कहते हैं -सदा न राजे राज करेंदे,,,सदा न बागों मे बुलबुल बोले और हर बार चिड़िया गलेले नहीं खाती । आखिर सच बोल ही गये राजनाथ जी आप । यही सच है और सदा से ऐसा होता आया है । कहावत भी है कि रावण का राज न रहा और कंस को भी एक दिन राज छोड़ना पड़ा जो कहते थे कि हम अमर हैं । फिर राज ऐसा जिसे रामराज कहा जा सके । अच्छे दिन सचमुच ला दो । यह न कहो कि वो तो चुनावी जुमला था । यह न कहो कि पंद्रह पंद्रह हजार रुपये कहां से दें ? अभी एक बार फिर से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया है कि स्विट्जरलैंड के बैंक में काफी रुपया है । जिसको लाने का सपना दिखाया था और हमारे बाबा रामदेव ने भी इसका समर्थन किया था । लेकिन लोगों के हाथ अभी तक एक रुपया नहीं आया । वैसे नोटबंदी हुई और अमीर फिर भी अमीर रहे और गरीब अपना स्तर न उठा सके । वही गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजार रहे हैं और बैंकों की कतारों में भी पिसे तो गरीब ही । फिर किस बात की खुशी ? न कश्मीर में आतंकवाद खत्म हुआ क्योंकि कहा गया था कि नोटबंदी करके आतंकवाद की कमर तोड़ दी । आतंकवाद ज्यों का त्यों है । कोई कमी न आई ।
इसलिए सत्ता सिर्फ इवेंट से नहीं चलती और सदा नहीं चलती । सितारों से आगे जहां और भी हैं । वादों से आगे बहुत कुछ और भी है । सत्ता के लगातार सपने नहीं देखे जा सकते । एक दिन जो सूरज उगता है , वह डूबता भी है । अंग्रेजों का यूनियन जैक कितने देशों पर फहराता था और कहा जाता था कि अंग्रेजों के राज में सूरज कभी नहीं डूबता और देखो हमारे क्रांतिकारियों ने सूरज को डूबने व अंग्रेजों के अहंकार को तोड़कर दिखा दिया । तभी तो मना पाये आजादी का अमृत महोत्सव,,,,, तो न आपातकाल रोक पाया और न कोई और रोक पायेगा ,,,,सत्ता सुख सदा न रहा और न रहेगा । सही कहा राजनाथ जी ..
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।