विनेश फौगाट का राजनीति में जाने के फैसले को सलाम : पार्थ जिंदल

विनेश फौगाट का राजनीति में जाने के फैसले को सलाम : पार्थ जिंदल

-कमलेश भारतीय
हिसार : राष्ट्रीय महिला पहलवान विनेश फौगाट का राजनीति में जाने के फैसले को मैं सलाम करता हूं । कितना दुख हुआ पूरे देश को उनके मेडल के बिना खाली साथ लौटने पर ।  मैं एक खिलाड़ी होने के नाते पेरिस ओलम्पिक में ही था और दिनेश फौगाट हमारी संस्था से जुड़ी हुई हैं। उन्हें जिस तरह दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देने पर विवश होना पड़ा, संभवत:ये प्रकरण भी उनको राजनीति में आने का बड़ा कारण बना  । यदि वे विधायक बनती हैं तो यह हरियाणा के नवोदित खिलाड़ियों के लिए बहुत अच्छा फैसला होगा। 

यह कहना है पार्थ जिंदल का, जो खुद स्क्वैश और फुटबॉल के खिलाड़ी हैं और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय व स्पोर्ट्स अथारिटी ऑफ इंडिया के साथ गिरि सेंटर का संचालन कर रहे हैं । वे आज सुबह सवेरे गिरि सेंटर के लाॅन में नवोदित खिलाड़ियों को संबोधित करने के बाद मीडिया से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि विनेश चाहती तो अगला ओलम्पिक खेल सकती थी लेकिन उसने महिला कुश्ती को अलविदा कह दिया । पार्थ ने विनेश फौगाट के ओलम्पिक में खाली हाथ लौटने पर दुख जताते कहा कि इससे दूसरे पहलवानों को सीख लेनी चाहिए । पार्थ ने बताया कि देश भर में खेल के अलग अलग सेंटर चल रहे हैं, जैसे मणिपुर में जूडो, हिमाचल में मुक्केबाजी जैसे सेंटर चलाये जा रहे हैं और देश भर में छह हज़ार एथलीट प्रशिक्षण व सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं । इनको खेल, खाना, प्रशिक्षण सब उपलब्ध करवाया जा रहा है। पार्थ ने बताया कि विदेशों में जाकर अनेक खेल प्रशिक्षण संस्थान देखने के बाद सरकार व साई के साथ मिलकर ये केंद्र बनाये हैं। 

उन्होंने बदहाल स्विमिंग पूल के भी पुनर्द्धार करवाने के लिए सरकार से बातचीत करने का संकेत दिया । 

पार्थ जिंदल ने बताया कि साई के साथ पहला स्पोर्ट्स सेंटर विद्यानगर में खोला तो पापा सज्जन जिंदल ने कहा कि अपने हिसिर में जाकर ऐसा सेंटर खोलो क्योंकि पहलवान और मुक्केबाज हरियाणा से ही आते हैं और गिरि सेंटर में ये दोनों सुविधायें उपलब्ध करवाई गयी हैं। पार्थ ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कैम्पस स्कूल से हमारे परिवार के मेरे जैसे बच्चे पढ़े हैं, जिससे हमारे परिवार को इससे ही नहीं पूरे हिसार से लगाव है । हमने तो दादी सावित्री जिंदल को निर्दलीय चुनाव लड़ने से रोकने से कोशिश की लेकिन दादी ने कहा कि मैंने अपने परिवार की, हिसार की सेवा करने जाना है, आप भी मेरी मदद करने आ जाना । 

इस अवसर पर सीमा जिंदल, तृप्ति जिंदल व रामावतार आदि मौजूद थे। प्रारम्भ में सत्य प्रकाश ने स्वागत्‌ किया और कोच अमरजीत व विजय मनचंदा आदि ने संबोधित किया।