समाचार विश्लेषण/संकल्प सत्याग्रह बनाम दुराग्रह
राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के दिन से प्रतिदिन नये नये रंग और विचार देखने सुनने को मिल रहे हैं । पहले ओबीसी बनाम लोकतंत्र की भरपूर चर्चा हुई । क्या लोकतंत्र बचाया जा रहा है या फिर ओबीसी का अपमान होने से बचा लिया गया है ? यह बहस अभी जारी है और चलती रहेगी ।
-*कमलेश भारतीय
राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के दिन से प्रतिदिन नये नये रंग और विचार देखने सुनने को मिल रहे हैं । पहले ओबीसी बनाम लोकतंत्र की भरपूर चर्चा हुई । क्या लोकतंत्र बचाया जा रहा है या फिर ओबीसी का अपमान होने से बचा लिया गया है ? यह बहस अभी जारी है और चलती रहेगी । अभी कांग्रेस ने संकल्प सत्याग्रह शुरू करना चाहा महात्मा गांधी की समाधि से लेकिन ऐसे कैसे इजाजत दी जाती ? दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी । वे दिन और थे जब अन्ना हजारे गाधी की समाधि पर जा सके और भ्रष्टचार के खिलाफ आंदोलन चला सके । कितने अच्छे दिन थे वे ! अब गांधी समाधि के बाहर ही नमन् कर संकल्प सत्याग्रह शुरू किया जा सका । मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी ने भाजपा को निशाने पर लिया । प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे परिवार को संसद में अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गयी । राहुल को देशद्रोही और मीर जाफर तक कहते हैं । हमारी मां का अपमान करते हैं । हर दिन हमारे परिवार का अपमान करते हैं । आप पर तो कोई केस दर्ज नहीं किया जाता ! आपकी सदस्यता तो रद्द नहीं की जाती ! हरियाणा में चंडीगढ़ में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस मुख्यालय में सत्याग्रह किया गया । इस तरह देश के अनेक भागों में आज भी संकल्प सत्याग्रह किया जायेगा ।
दूसरी ओर भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने संकल्प सत्याग्रह को कांग्रेस का दुराग्रह करार दिया और कहा कि इससे कांग्रेस गांधी का अपमान ही कर रही है । यह अहंकार का निर्लज्ज प्रदर्शन मात्र है । महात्मा गांधी ने सामाजिक कारणो से सत्याग्रह किये थे जबकि यह सत्याग्रह निजी कारणों को लेकर किया जा रहा है । यह भी कहा कि कांग्रेस को गांधी परिवार के लिये अलग विधान चाहिए जो हो नहीं सकता ! अनुराग ठाकुर भी स्मृति ईरानी की तरह राहुल गांधी पर वार प्रहार करने से नहीं चूकते ! कोई मौका नहीं चूकते ! वे कह रहे हैं कि राहुल गांधी सपने में भी सावरकर नहीं बन सकते । राहुल ने कहा है कि वे सावरकर नहीं , गांधी हैं और गांधी माफी नहीं मांगते !
इस सबके बीच मुद्दे की बात तो यह कि क्या विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट होगा ? क्या लोकतंत्र की रक्षा के लिये कांग्रेस का संकल्प सत्याग्रह अलग थलग तो नहीं पड़ जायेगा ? क्या विपक्ष सन् 2024 के लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा को चुनौती देगा या फिर भाजपा अपनी तैयारियों में जुट जायेगी और विपक्ष ऐसी ही बहस में उलझा रह जायेगा ? बहुत से सवाल हैं और आने वाले दिन ही इनके बेहतर जवाब दे सकेंगे !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।