भारतीय संदर्भ में विद्वता का मानदंड हो संस्कृत भाषाः डॉ सी.डी.एस. कौशल

'आधुनिक संस्कृत साहित्य में महिलाओं का योगदान' विषय पर व्याख्यान आयोजित।

भारतीय संदर्भ में विद्वता का मानदंड हो संस्कृत भाषाः डॉ सी.डी.एस. कौशल

खानपुर कलां, गिरीश सैनी। भगत फूल सिंह महिला विवि के इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग तथा हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, पंचकूला के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृत सप्ताह-2024 के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय संस्कृत समारोह मंगलवार को संपन्न हो गया।

 

समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के संस्कृत प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ सी.डी.एस. कौशल ने शिरकत की। समापन सत्र की अध्यक्षता डीन आर्ट एंड लैंग्वेजेज प्रो अशोक वर्मा ने की। मुख्य वक्ता के रूप में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की पूर्व अध्यक्षा प्रो विभा अग्रवाल उपस्थित रही। प्रारंभ में आई.एच.एल. की प्राचार्या डॉ वीना ने स्वागत संबोधन किया। इस दौरान 'आधुनिक संस्कृत साहित्य में महिलाओं का योगदान' विषय पर एक व्याख्यान भी आयोजित किया गया। समापन समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ की गई।

 

मुख्य अतिथि डॉ सी.डी.एस. कौशल ने अपने संबोधन में संस्कृत में बोलचाल को व्यक्तित्व विकास में सहायक बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृत का अध्ययन अनिवार्य होना चाहिए, ताकि विश्व व समाज में शांति कायम रह सके। उन्होंने कहा कि आजकल विद्वता का मानदंड अंग्रेजी भाषा को बना दिया गया है, लेकिन भारतीय संदर्भ में यह मानदंड संस्कृत भाषा होनी चाहिए। उन्होंने उपस्थित छात्राओं को जीवन में कम से कम तीन भाषाएं सीखने के लिए प्रेरित किया।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो अशोक वर्मा ने कहा कि ज्ञान की प्राप्ति श्रद्धा के बगैर संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अपनी जिज्ञासा बनाए रखें और अपने अंदर के विद्यार्थी को मरने ना दें। उन्होंने साहित्य को भाषाओं के बंधन से परे बताया। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे आधुनिकता की चकाचौंध में अपनी जड़ों से न कटें।

 

मुख्य वक्ता प्रो विभा अग्रवाल ने अपने संबोधन में संस्कृत साहित्य के काल विभाजन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य रचना में महिलाओं के योगदान को कम नहीं समझना चाहिए। उन्होंने संस्कृत साहित्य में सशक्त योगदान देने वाली महिला साहित्यकारों का उल्लेख भी किया। उन्होंने छात्राओं को आम बोलचाल में प्रचलित विदेशी शब्दों के लिए संस्कृत में प्रयुक्त होने वाले शब्दों की जानकारी भी दी।

 

इस तीन दिवसीय संस्कृत समारोह के प्रथम दिन पोस्टर मेकिंग तथा दूसरे दिन श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसके विजेताओं को मुख्य अतिथि ने प्रशस्ति पत्र एवं नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। पोस्टर मेकिंग में सुशिता ने प्रथम, सुमन ने दूसरा व रोमी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया तथा महक व सपना को सांत्वना पुरस्कार मिला। वहीं, श्लोकोच्चारण में अनु ने प्रथम, नेहा ने दूसरा व पावनी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया तथा सोनिया व विनीता को सांत्वना पुरस्कार मिला। कार्यक्रम संयोजिका डॉ श्रीलेखा चौबे ने मंच संचालन किया।  

 

मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने छात्राओं द्वारा बनाए गए पोस्टरों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान अंग्रेजी विभाग की अध्यक्षा डॉ गीता फोगाट, कन्या गुरुकुल की प्राचार्या सुमिता सिंह, कार्यक्रम सह-संयोजिका प्रीति धनखड़ सहित अन्य प्राध्यापक एवं छात्राएं मौजूद रही।