संस्कृति संवाद फाउंडेशन ने शुरू किया बैक टू झोला अभियान
आप से नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद गण संत बलबीर सिंह सीचेवाल व विक्रमजीत सिंह साहनी और पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संदवॉं को झोला प्रदान कर अभियान पूर्ण करने का लिया संकल्प
चंडीगढ़: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्वयंसेवी संस्था संस्कृति संवाद फाउंडेशन ने पर्यावरण रक्षा के संकल्प के साथ पॉलीथिन के प्रयोग को बंद करने के लिए 'बैक टू झोला' अभियान का बीते कल शुभारंभ किया। संस्था के पदाधिकारी राकेश शर्मा और अन्य पदाधिकारी गण संजीव शारदा व अजय भारद्वाज ने आम आदमी पार्टी से नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल व विक्रमजीत सिंह साहनी और उनकी पत्नी तथा पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संदवॉं को कपड़े का झोला प्रदान करते हुए इस अभियान को पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई। तीनों जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए संस्कृति संवाद फाउंडेशन को धन्यवाद देते हुए संस्था की सराहना की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए पॉलिथीन प्रयोग बंद करना निहायत जरूरी है। इसके विकल्प के रूप में परंपरागत झोले का प्रयोग करना ही श्रेयस्कर है। तीनों वरिष्ठ नेताओं और पर्यावरण विदों ने कहा कि वर्तमान परिवेश में प्रकृति के समक्ष पर्यावरण प्रदूषण एक बहुत बड़ा संकट है और इसको बढ़ावा देने में पॉलिथीन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए हमें स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि हम हर हालत में स्वयं पॉलिथीन के प्रयोग को बंद करने के साथ ऐसा करने के लिए दूसरे लोगों को भी जागरूक करें। संस्था के पदाधिकारी राकेश शर्मा ने कहा कि संस्कृति संवाद फाउंडेशन द्वारा प्रकृति की रक्षा और समाज हित के लिए समय-समय पर इस तरह के अभियान लंबे समय से चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी से राज्यसभा पहुंचने वाले संत बलबीर सिंह सीचेवाल एक प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सतलुज और ब्यास नदियों की 160 किमी लंबी सहायक नदी के कायाकल्प के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने पंजाब में कई जगहों पर जरूरतमंदों के लिए स्कूल भी बनवाए हैं। विक्रमजीत सिंह साहनी को भी समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कई अवॉर्ड्स मिल चुके हैं। यही नहीं भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा है। वहीं पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संदवॉं भी लंबे समय से समाज सेवा से जुड़े हुए हैं। तीनों जनप्रतिनिधियों के सहयोग से निश्चित ही संस्कृति संवाद फाउंडेशन का इस अभियान में सफलता प्राप्त करेगा। राकेश शर्मा ने आम नागरिकों से आग्रह किया कि संस्था द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में सहयोग करें और पॉलिथीन का प्रयोग न करने का संकल्प लेते हुए देश की संस्कृति और सभ्यता के प्रतीक परंपरागत झोले का इस्तेमाल करें। पदाधिकारी गण संजीव शारदा एवं अजय भारद्वाज ने कहा कि 'बैक तो झोला' अभियान से पर्यावरण की रक्षा तो होगी ही इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा। कपड़े से निर्मित झोले का निर्माण कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इसलिए यह अभियान महिला सशक्तिकरण के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।