संपोषणीय विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
रोहतक, गिरीश सैनी। संपोषणीयता समय की जरूरत है। संपोषणीय विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। वैज्ञानिकों, शिक्षकों तथा शोधार्थियों को विश्व के संपोषणीय भविष्य के लिए शोध तथा नवाचार करना होगा। ये आह्वान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआईईटी) तथा इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन, रोहतक चैप्टर के तत्वावधान में आयोजित- साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर विषयक द्वितीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सस्टेनेबिलिटी को दैनंदिन जीवन का अंग बनाने की बात कही। साथ ही, पर्यावरणीय मुद्दों तथा संपोषणीय विकास बारे सामाजिक जागरूकता की बात रखी। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन की पूर्वाध्यक्ष, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना ने सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए वैज्ञानिक पहल को विशेष रूप से रेखांकित किया।
उद्घाटन सत्र में संगोष्ठी स्मारिका का विमोचन भी किया गया। स्वागत भाषण आईएससीए, रोहतक चैप्टर के अध्यक्ष प्रो. एस.पी. खटकड़ ने दिया। आभार प्रदर्शन प्रो. विनोद बाला तक्षक ने किया। इस संगोष्ठी संबंधित जानकारी संगोष्ठी संयोजक यूआईईटी निदेशक प्रो. युद्धवीर सिंह ने साझा की। उद्घाटन सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि प्रो. ए.के. सक्सेना, प्रो. एच.पी. तिवारी, प्रो. एस.पी. सिंह तथा प्रो. कुलदीप सिंह लाहल्ड़ शामिल रहे। आयोजन सचिव डॉ. राजेश कुमार ने कार्यक्रम का समन्वयन किया। मंच संचालन डॉ. कविता मलिक ने किया। राधाकृष्णन सभागार में आयोजित इस संगोष्ठी में यूआईईटी के प्राध्यापक, डेलीगेट्स, संगोष्ठी आयोजन समिति सदस्य, शोधार्थी, विद्यार्थी मौजूद रहे।