विज्ञान को कल्याणकारी दिशा दिए जाने की जरूरत हैः प्रो सोनिया मलिक
विज्ञान और वैज्ञानिकता पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। वैज्ञानिक सोच को जन-मानस में प्रचारित -प्रसारित करने तथा समाज में वैज्ञानिक मनोवृत्ति की स्थापना की संकल्पबद्धता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के स्वराज सदन में विज्ञान और वैज्ञानिकता विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला में वक्ताओं ने व्यक्त की। राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक स्वभाव जागरूकता अभियान का शुभारंभ इस कार्यशाला के जरिए किया गया।
शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो सुरेन्द्र कुमार ने इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि मनुष्य का अस्तित्व ज्ञान आधारित है। ज्ञान-विज्ञान सभ्यताओं की प्रगति के आधार है। प्रो सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक सोच से मानव तथा सामाजिक कल्याण संभव होगा। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा तथा प्राचीन दर्शन में विज्ञान तथा वैज्ञानिक सोच की अवधारणा को स्पष्ट किया।
चौ रणबीर सिंह सामाजिक तथा आर्थिक परिवर्तन संस्थान (सीआरएसआई) की निदेशिका प्रो सोनिया मलिक ने कहा कि महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती ने सत्य के महत्व को सत्यार्थ प्रकाश में रेखांकित किया था। उन्होंने कहा कि विज्ञान को कल्याणकारी दिशा दिए जाने की जरूरत है। पाठ्यक्रम में वैज्ञानिक, विशेष रूप से पर्यावरणीय मूल्यों का समावेश जरूरी है।
जूलॉजी विभाग तथा हरियाणा विज्ञान मंच की अध्यक्ष प्रो विनीता शुक्ला ने आभार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। विज्ञान तथा वैज्ञानिक मानसिकता सुदृढ करने से ही वैश्विक कल्याण संभव है। आल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क की महासचिव आभा मिश्रा ने कहा कि पूरे राष्ट्र में वैज्ञानिक सोच की अभिवृद्धि के लिए राष्ट्रीय मुहिम प्रारंभ की जा रही है। गांव, कस्बा, शहर, सभी जगह वैज्ञानिक सोच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
आल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क के विज्ञान संचार समूह के संयोजक अरूणाभ मिश्रा ने प्रारंभ में इस दो दिवसीय कार्यशाला के विषय वस्तु तथा एजेंडा बारे चर्चा की। कार्यक्रम संचालन हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष डॉ प्रमोद गौरी ने किया।
इस कार्यक्रम में डॉ रणबीर सिंह दहिया, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ राजेश कुमार, अंग्रेजी विभाग से प्रो मंजीत राठी सहित देश भर से आए डेलीगेट्स मौजूद रहे।