रंग आंगन नाट्योत्सव का दूसरा दिन
क्या फ्लर्ट करना कला है ?
- कमलेश भारतीय
कल रंग आंगन नाट्योत्सव के दूसरे दिन भिवानी से आई रंग मंडली ने सोनू रोहिंग्या के निर्देशन में ' आंख मिचौली' पूरे एक घंटे का कॉमेडी नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें कुल चार पात्रों ने भूमिका निभाई । ये दो विवाहित जोड़े थे और शुरू से लेकर अंत तक यह नाटक फ्लर्ट करने सै शुरू होता है और इसी पर खत्म होता है । अब सवाल उठता है कि क्या फ्लर्ट करना कला है या यह हमारे समाज में एक नयी कुरीति 'लिव इन' जैसी आ गयी है ? यह कैसा समय है? कैसा नया समाज है ? सी पी देशपांडे द्वारा लिखित इस नाटक के साथ चारों युवा रंग कर्मियों ने खूब न्याय किया है लेकिन सवाल यह अनुतरित्त ही रह जाता है कि क्या यह हमारा आदर्श हमाज है या ऐसा समाज हमें बर्दाश्त है और कब तक ? यह नाटक का चयन करते सोचना चाहिए कि नहीं ? इससे तो कलाकारों की प्रतिभा का कितना उपयोग हो पाता है?
मेरी बात थोड़ी असहज लग सकती है परंतु इतने बड़े और राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना चुके इस रंग आंगन नाट्योत्सव का स्तर ऊंचा बनाये रखने और हर वर्ष नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इतना सा विचार विमर्श जरूरी है ! कुछ अन्यथा न लीजिए !
एक घंटे के इस काॅमेडी नाटक ने नि:संदेह सबको बांधे रखा और हंसाया भी !
सिमरन, अजय, अजय शर्मा और सुजाता ने अपनी अपनी भूमिकाओं से पूरा पूरा इंसाफ किया और निर्देशक के तौर पर सोनू का काम भी बहुत प्रभावशाली रहा, बस, इस प्रतिभा से समाज के लिए किसी दूसरे महत्त्वपूर्ण नाटक को आगे लेकर आयेंगे । यही इल्तजा है।
##देरी से आये मुख्यातिथि : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस अवसर पर मुख्यातिथि थे लेकिन वे नाटक की अवधि से भी देरी से आये ! यह एक प्रकार से नाटक प्रेमियों के नाटक प्रेम की परीक्षा से कम नहीं रहा। अब पता नहीं, यह प्रयोग कैसा रहा!
## श्रेष्ठ एक्टर कौन?
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मैं खुद जिंदल परिसर में आया हूँ और आप मुझसे क्या चाहते हो? मैंने दो मिनट में आप लोगों को इतना हंसाया जितना इस काॅमेडी नाटक के कलाकारों ने एक घंटे में नहीं हंसाया होगा ! इस तरह वे पूरे मूड मे थे !
## बनेगा ऑडिटोरियम : उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया किया सेक्टर एक-चार में बड़ा ऑडिटोरियम बनेगा, जो ऐसे कार्यक्रमों के लिए बहुत उपयोगी होगा । इस कार्यक्रम के लिए व रंग आंगन नाट्योत्सव के लिए बड़ी राशि देने की घोषणा की ।
# संचालन : इस अवसर पर मंच संचालन आकाशवाणी कमेंटेटर दिनेश नागपाल और कवयित्री डॉ अल्पना सुहासिनी ने किया। इन संचालकों की भी परीक्षा जैसी हुई कि कैसे दो घंटे तक दर्शकों को बांधे रखा जाये!