ख़ुशी का चयन करें/नेहा सहगल द्वारा
आज 20 मार्च है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय ख़ुशी दिवस के नाम से प्रसिद्ध है। यूँ तो हम सब अपनी बाहरी ख़ुशी ढूंढ लेते हैं लेकिन दूसरों को प्रसन्न करके हमे अपनी अंदर की ख़ुशी का एहसास होता है। इस दिन से क्यों न हम सब एक नया कदम उठाने की पहल करें? अपनी ख़ुशी वजह खुद बनने की कोशिश करें। खुद ज़्यादा मेहनत और दूसरों से उम्मीद कम रखें।
मेरी ख़ुशी और मन में प्रसन्नता रखने का हक़ मेरे खुद के हाथ में है। आज के समय में बहुत ज़्यादा लोग ऐसे हैं जो खुद को बाहर से खुश दिखाते है पर अंदर से बहुत उदास और परेशान हैं लेकिन बहुत कम लोग ऐसे हैं जो अंदर से खुश हैं। बहुत लोग तो सिर्फ चीज़ो को ही अपनी ख़ुशी समझ लेते हैं लेकिन कुछ समय बाद उससे भी नाखुश हो जाते हैं। अंदर की ख़ुशी लाने के लिए हमें तीन बातों पर ध्यान देना होगा। एक, हमें अपने आप को शांत रखने की कोशिश करनी होगी क्योंकि बाहर की दुनिया पर हम नियंत्रण नहीं रख सकते अगर नियंत्रण रख सकते हैं तो अपनी प्रतिक्रिया पर। दूसरा, सकारात्मक सोच को अपना कर और दूसरों को भी ऐसा सोचने के लिए कहने पर। तीसरी, जब किसी को हमारी ज़रूरत हो तो मदद का हाथ आगे बढ़ा कर इंसानियत दिखाने पर।
जब कभी भी हम अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करके दूसरों को खुश करते हैं और उनका दुःख कम करने का प्रयत्न करते हैं तब हमें असली ख़ुशी मिलती है। ऐसी ख़ुशी को पाने के लिए की गई मेहनत ही सफल मानी जाती है। जब भी कभी हम खुद को सबसे दूर करने में लग जाते हैं तब हमारी ख़ुशी आधी होने लग जाती है जबकि दूसरों की भावना को समझ कर अपनाने से हमारी ख़ुशी दोगुनी हो जाती है।
लेने की न चाह लेकर ,जब देने लगे हम,
ख़ुशी और भी बढ़ जाएगी, न ही होगी कम।।
बाँट कर खुशियाँ, कम हो जायेंगे गम,
खुशियाँ बढ़ाने के लिए बदलने होंगे अपने कर्म।।
मुस्कराहट साथ होगी और टूटेंगे सारे भरम,
खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी जब मिल सब रहेंगे हम।।
अगर आप भी सोचते हैं कि कोई आ कर आप को खुश करेगा तो ऐसा कभी भी नहीं होगा लेकिन आप खुश रहोगे तो आप की ख़ुशी का राज़ ढूंढने के लिए आप के साथ सब जुड़ जायेंगे। हमारी ख़ुशी बांटने से और बढ़ जाएगी।