समाचार विश्लेषण//शाह के संकेत: जजपा के लिए खतरे की घंटी ?
-*कमलेश भारतीय
भाजपा के चाणक्य व गृहमंत्री अमित शाह करनाल व सोनीपत के कार्यकर्त्ताओं से मिलने और कुछ टिप्स देने आये । गोहाना रैली में आ नहीं पाये थे । विरोधी कहते हैं कि कम संख्या से डर कर नहीं आये तो भाजपा का जवाब है कि मौसम खराब था । अब मौसम तो सरपंचों ने खराब कर ही रखा है । कब तक उनकी बात नहीं सुनोगे ? ईटेंडरिग की जिद्द में रैली पर प्रश्नचिन्ह लग गया ।
अमित शाह ने एक बात कही कि हो सकता है कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी हो जायें ! यानी छह माह पहले ही विधानसभा चुनाव आ सकते हैं हरियाणा में ! यह भी एक संकेत है सभी दलों को कि कमर कस लो , चुनाव आ रहे हैं ! होशियार हो जाओ , कहीं सोये न रह जाओ !
एक और बात कही अमित शाह ने गठबंधन पर पूछे जाने पर कि इतना मार्जिन दे दो कि कोई नजदीक ही न लगे ! यानी पूर्ण बहुमत और जजपा के लिये खतरे की घंटी ? जजपा को अकेले ही चुनाव में जाना पड़ेगा? वैसे तो भिवानी की रैली में जजपा ने भी अपना ही मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी यानी दोनों दल अकेले ही अपने अपने दम पर अपनी सरकार बनाने की कोशिश में हैं ! फिर साथ मिलकर कैसे लड़ेंगे? सोचने की बात है ।
अमित शाह कार्यकर्त्ताओं से कह रहे हैं कि एलआईसी एजेंट की तरह काम करें ! जैसे एलआईसी एजेंट अपनी पॉलिसी की खूबियां गिनाते हैं वैसे ही भाजपा के हर कार्यकर्त्ता को लोगों के बीच भाजपा की खूबियां पहुंचानी हैं !
इस तरह देखा जाये तो लोकसभा और विधानसभा के चुनाव का शंखनाद कर गये हैं अमित शाह हरियाणा में ! अब दूसरे दलों को अपनी रणनीति बनानी है कि कैसे मुकाबला किया जाये !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।