समाचार विश्लेषण/गुरु शिष्य के शर्मसार होते रिश्ते 

समाचार विश्लेषण/गुरु शिष्य के शर्मसार होते रिश्ते 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
प्राचीन समय से गुरु का बहुत महत्त्व है और गुणगान गया जाता रहा है । गुरु को ब्रह्मा ही नहीं , महेश भी माना जाता है और कबीर ने तो अनेक दोहे इस रिश्ते पर कह डाले । सब से ज्यादा यह दोहा पसंद और उल्लेख किया जाता है : 
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय 
बलिहारी गुरु आपको, जिन गोविंद दियो मिलाय ।
इसी तरह गुरु द्वारा दिये ज्ञान की रोशनी का उल्लेख इस तरह किया है: 
पीछे लागा जाये था , लोक वेद के साथ 
आगे से सतगुरु मिलिया , जिन दीपक दिया हाथ ।
पुस्तक, ग्रंथ या वेद के ज्ञान से शिष्य बहुत पीछे रह जाता है और विद्या रटने से सिर्फ डिग्रियां मिलती हैं । जब तक गुरु ज्ञान का , रोशनी का दीपक नहीं दिखाता तब तक अज्ञान के अंधेरे में ही शिष्य भटकते रहते हैं ।
एक गुरु शिष्य का उदाहरण सब देते आ रहे हैं और वह है गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य का । गुरु द्रोणाचार्य ने गुरुकुल में शिक्षा देने से एकलव्य को मना कर दिया लेकिन उसने गुरु की मूर्ति बना कर श्रेष्ठ धनुर्धारी बन कर दिखाया जिसे देखकर खुद द्रोणाचार्य ने दांतों तले अंगुली दबा ली और अर्जुन से विशेष स्नेह के चलते एक शर्मसार काम किया । एकलव्य से गुरु दक्षिणा में दाहिने हाथ का अंगूठा ही मांग लिया । वह अच्छा युग था , शिष्य ने कुछ न कहा और अंगूठा काट कर गुरु के चरणों में अर्पित कर दिया ।
अब आए दिन गुरु शिष्य संबंध कलंकित होते जा रहे हैं । अभी तो दिल्ली स्थित छत्रसाल स्टेडियम का सागर कांड न भूले होंगे आप ? जिसके गुरु यानी कोई ओलंपियन सुशील कुमार ने शिष्य सागर की स्टेडियम में अपने सहयोगियों के साथ मिल कर बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी । सुशील कुमार अब तक जेल की सलाखों के पीछे है । सुशील ने कोच यानी गुरु के रिश्ते को भी बदनाम किया और एक ओलम्पियन से अपराधी बन गया ।
इसी प्रकार रोहतक के जाट काॅलेज के अखाड़े में सोनीपत के खरखौदा निवासी कोई सुखवेंद्र ने मुख्य कोच मनोज , उनकी पत्नी साक्षी और इनकी तीन वर्षीय बेटे सरताज व कोच अमरजीत को गोली मार दी थी । अमरजीत खुशकिस्मती से बच गया बाकी एक पूरा परिवार कोई की क्रोधाग्नि में भस्म हो गया । 
अब नया कलंकित कांड सामने आया है खरखौदा के निकट हलालपुर से । इसमें एक प्राइवेट कुश्ती अकादमी में प्रशिक्षण ले रही 22 वर्षीय महिला पहलवान निशा और उसके भाई की इसलिए हत्या कर डाली क्योंकि उसने बड़ी हिम्मत से कोच द्वारा छेड़छाड़ किये जाने का विरोध किया था । अकादमी कोच ने गोली मार कर उसकी व भाई की हत्या कर डाली । महिला पहलवान की मां पर भी हमला किया जोकि गंभीर घायलावस्था में पीजीआई , रोहतक दाखिल है । हां , ग्रामीणों ने इस कांड के विरोध में कोच की अकादमी का वही हाल किया जो हनुमान जी ने जो हाल रावण की वाटिका का किया था ।  इस तरह एक उदीयमान महिला पहलवान की असमय ही इहलीला समाप्त कर दी । 
क्या ये गुरु शिष्य के संबंधों पर फिर से विचार करने के लिए काफी नहीं ? खासतौर पर जिस तरह से अखाड़ों या अकादमियों से ऐसी भयावह खबरें आ रही हों । कैसे उड़ान भरे अपने सपनों की और पंख कैसे खोले नारी ? इस तरह की विचार चर्चा सामने आने लगती है । 
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।