समाचार विश्लेषण/सिद्धू , कांग्रेस और सर्कस 

समाचार विश्लेषण/सिद्धू , कांग्रेस और सर्कस 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष , पूर्व क्रिकेटर और कपिल शर्मा काॅमेडी शो के जज रहे नवजोत सिद्धू ने राज्य कांग्रेस की ऐसी हालत दी है कि इसे कांग्रेस सर्कस कहा जाने लगा है ।  पहले अच्छी भली चल रही कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार को हाईकमान पर दबाब बना कर चलता किया और चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद पर बिठाया लेकिन बनी चन्नी के साथ भी नहीं । अब उनका विरोध भी शुरू कर दिया । खुद ही घोषणापत्र से बाहर जाकर घोषणायें करने लगे और बिना हाईकमान के फैसले के प्रत्याशियों की घोषणा भी करने लगे जिससे हाईकमान तक इनकी शिकायत लगाने पहुंच गये चार चार मंत्री । इनमें पूर्व हाॅकी खिलाड़ी परगट सिंह , सुखजिंदर सिंह रंधावा , भारत भूषण आशु और राजा वडिंग शामिल हैं । और भी मजेदार बात कि ये लोग कैप्टन अमरेंद्र सिंह को हटाने की मुहिम में नवजोत सिद्धू के साथ थे लेकिन अब उनकी गतिविधियों के खिलाफ हो गये हैं । दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल को मिल कर नवजोत सिद्धू की शिकायत करते कहा है कि यदि इनकी गतिविधियों पर लगाम न लगाई गयी तो कांग्रेस को पंजाब में चुनाव में नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि सिद्धू पार्टी से अलग दिशा में बढ़ते जा रहे हैं । सिद्धू पार्टी से सलाह किये बगैर ही प्रत्याशी घोषित किये जा रहे हैं । यही नहीं अब तो मनमानी घोषणायें करनी भी शुरू कर दी हैं ।
सिद्धू का यह व्यवहार सचमुच कांग्रेस को सर्कस में तब्दील करता जा रहा है । पार्टी की स्थिति हास्यास्पद बनती जा रही है । हाल ही में महिलाओं को साल में आठ गैस सिलेंडर फ्री देने की घोषणा ऐसी ही है । सिद्धू गंभीर कब होंगे और काॅमेडी शो की मानसिकता से बाहर कब निकलेंगे ? क्या कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू पर भरोसा कर और पंजाब की कमान सौंप कर कोई बड़ी भूल तो नहीं कर दी ? अब तो चुनाव निकट आते जा रहे हैं । ऐसे में सिद्धू हाईकमान से पूछ रहे हैं कि बारात तो चल पड़ी लेकिन ये तो बताओ कि दूल्हा कौन होगा यानी मुझे मुख्यमंत्री का चेहरा बनाओ और चन्नी को मुखौटा रखो । ऐसा संदेश देने की कोशिश और जुगत में लगे हैं सिद्धू लेकिन 
ज़िन्दगी खबाब है 
ख्वाब में सच है क्या ...
यह समझने में वक्त लगेगा गुरु ...

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।