समावेशी शिक्षण वातावरण को सक्षम बनाती है सांकेतिक भाषाः प्रो. ए.एस. मान

समावेशी शिक्षण वातावरण को सक्षम बनाती है सांकेतिक भाषाः प्रो. ए.एस. मान

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज (सीडीएस) तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के संयुक्त तत्वावधान में संचालित- इनक्लूसिविटी एट एमडीयू कैंपस सेलिब्रेट कार्यक्रम के तहत- साइन लैंग्वेज विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हुई।

डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने बतौर मुख्यातिथि इस कार्यशाला के समापन सत्र में शिरकत की और प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र बांटे। प्रो. ए.एस. मान ने कहा कि सांकेतिक भाषा सिखाने का महत्व केवल मूक-बधिर समुदाय तक सीमित नहीं है। शिक्षा में, यह समावेशी शिक्षण वातावरण को सक्षम बनाता है और मूक-बधिर विद्यार्थियों को कक्षा की गतिविधियों में पूरी तरह से भाग लेने के लिए सशक्त करता है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि सामान्य लोगों तथा मूक-बधिर समुदाय के बीच संचार अंतर को पाटने के लिए हम सब सांकेतिक भाषा सीखें।

सीडीएस इंचार्ज डा. प्रतिमा देवी ने समापन सत्र के प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। चीफ कंसल्टेंट सीडीएस प्रो. राधेश्याम ने इस कार्यशाला के आयोजन उद्देश्य बारे प्रकाश डाला। आयोजन सचिव डा. योगेन्द्र सिंह ने संचालन एवं समन्वयन सहयोग दिया। इस दौरान आईएचटीएम निदेशक प्रो. आशीष दहिया, यूआईईटी के टीपीओ अरूण हुड्डा समेत एमडीयू के प्राध्यापक, कर्मी तथा प्रतिभागी विद्यार्थी मौजूद रहे।

सीडीएस इंचार्ज डा. प्रतिमा देवी ने बताया कि इस कार्यशाला के तीसरे दिन तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें आईएलए टीचर मोहम्मद अली व रागिनी तथा इंटरप्रेटर रणदीप सिंह, नीतू व अन्नु ने कलर्स, फेस्टिवल्स, हेल्थ प्रॉब्लम्स, क्वेश्चन वर्ड्स, स्टेट, टाउन, सिटीज ऑफ इंडिया के नाम बारे व्यावहारिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनक्लूसिविटी एट एमडीयू कैंपस सेलिब्रेट कार्यक्रम के तहत 28 सितंबर को- बिल्डिंग एन इंक्लूसिव एंड रेजिलिएंट सोसायटी: द रोल ऑफ साइन लैंग्वेज विषय पर  राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आईएचटीएम कांफ्रेंस हॉल में किया जाएगा।