पर्यावरण व लेखन में एक साथ रूचि: डाॅ संजीव कुमारी
-कमलेश भारतीय
मेरी पर्यावरण व लेखन दोनों में एकसाथ रूचि है । दोनों बहुत प्रिय हैं । यह कहना है जिला हिसार के हांसी के निकट गांव ढाणी पाल की मूल निवासी डाॅ संजीव कुमारी गुर्जर का । डाॅ संजीव ने मैट्रिक और दस जमा दो की शिक्षा हांसी से प्राप्त की तो हिसार के गवर्नमेंट काॅलेज से बीएससी मेडिकल में ग्रेजुएशन । गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय से पर्यावरण विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट । एम फिल सिरसा की सीएलडीयू से। राजस्थान से पी एचडी।
-पहली नौकरी?
-तीन साल पूंडरी के डी ए वी काॅलेज में प्राध्यापन ।
-फिर ?
-सन् 2009 में समाजसेवी संस्था बनाई संकल्प ।
-किस उद्देश्य से ?
-पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण के लिए । पहला प्रोग्राम हांसी के उस स्कूल में जहां मैंने नर्सरी से पढ़ाई शुरू की थी ।
-फिर?
-एक माह के कामकाज के आधार पर ही हांसी के एसडीएम मनोज कुमार ने प्रशस्ति पत्र प्रदान किया । यह बेहद खुशी की बात रही ।
-आगे का सफर ?
-2009 में ही हरियाणा की एक मात्र महिला प्रतिभागी के तौर पर हैदराबाद में अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया ।
-अब ?
-यूनाइटेड नेशंस, जापान हिंदी कलचरल सेंटर, धराधाम इंटरनेशनल थाईलेंड व रेड क्रॉस हरियाणा की सदस्या।
-समाजसेवी संस्था संकल्प का मुख्य उद्देश्य?
-प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता पैदा करके और प्रशिक्षण देकर पर्यावरण संरक्षण करना।
-कोई सम्मान?
- 2018 में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा प्रगतिशील व जागरूक महिला किसान अवार्ड से सम्मानित।
-पति साथ देते हैं ?
-बिल्कुल । पति विकास छौक्कर एमबीए हैं । पूरा सहयोग दे रहे हैं तो बेटी सानवी अभिनय के क्षेत्र में उभर रही है। वह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर भी है।
-नये काव्य संग्रह का नाम ?
-आशाओं की शिखा । इसमें मेरी और बहन शिखा बटार की कविताएं हैं सामाजिक समस्याओं पर ।
-इससे पहले कोई पुस्तक ?
-हरियाणा के लोकगीत व पर्यावरणीय सतसई ‘झड़ते पत्ते‘ । यह पुस्तक इंडिया बुक आॅफ रिर्कोडस में दर्ज व हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2018 में श्रेष्ठ कृति पुरस्कार। तिसाया जोहड़ व हरियाणा : लोकगीतों के झरोखे से हरियाणा साहित्य व हरियाणा ग्रंथ अकादमी के सहयोग से प्रकाशनार्थ।
-आगे लक्ष्य ?
यही-पर्यावरण सुरक्षा और लेखन ।
हमारी शुभकामनाएं डाॅ संजीव कुमारी गुर्जर को ।