शाम-ए-गजल में गायक-कलाकार अनिल सोनी व डा. मुकेश वर्मा की प्रस्तुतियां ने मन लुभाया
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के राधाकृष्णन सभागार में आयोजित शाम-ए-गजल में प्रतिष्ठित गायक-कलाकार अनिल सोनी एवं डा. मुकेश वर्मा ने बेहतरीन गजल प्रस्तुतियां दी।
छात्र कल्याण कार्यालय के तत्वावधान में आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष डा. वेद प्रकाश ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने की।
इस सुरीली संध्या का आगाज अनिल सोनी ने गजल- अपने आंखों के समंदर में से की। मदवि के पूर्व छात्र तथा प्रतिष्ठित गायक अनिल सोनी ने तदुपरांत तुम्हारे शहर का मौसम सुहाना है, हमको किसके गम ने मारा, हंगामा है क्यों बरपा, कल चौदहवीं की रात थी गजल सुनाकर उपस्थित जन को खूब लुभाया।
डा. मुकेश वर्मा ने गजल- सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो से अपनी गजल प्रस्तुति की शुरुआत की। तदुपरांत, शायरी की है मैंने तिजारत नहीं, प्यार का पहला खत लिखने में, नए घड़े के पानी से सरीखे गजल सुनाकर उपस्थित जन को मंत्रमुग्ध किया। संगीतमय कार्यक्रम का समापन अनिल सोनी द्वारा गाई गजल सरकती जाए है रुख से नकाब से हुआ। कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा तथा प्रो. दिव्या मल्हान ने भी सुंदर गीत सुनाकर कार्यक्रम में संगीतमय योगदान दिया।
मुख्य अतिथि डा. वेद प्रकाश ने जीवन में साहित्य-संगीत के महत्व को रेखांकित किया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने मुख्य अतिथि का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भविष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन प्रत्येक सप्ताह किया जाएगा। कार्यक्रम में मंच संचालन संगीत विभाग के डा. सौरभ वर्मा ने किया।
इस दौरान कुलसचिव की धर्मपत्नी अरूणा तनेजा विशेष रूप से उपस्थित रही। कार्यक्रम संयोजन डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा ने किया। मंचीय व्यवस्था संबंधित दायित्व निर्वहन सहायक निदेशक युवा कल्याण डा. प्रताप राठी ने किया।