सिया राममय सब जग जानी

सिया राममय सब जग जानी
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
आज यह बात सही लगने लगेगी कि सिया राममय सब जग जानी । हम सब बचपन से होश संभालने तक रामायण और रामलीला से जुड़ जाते हैं और यह पीढ़ी दर पीढ़ियों तक चलता आ रहा है । यही कारण है कि जब लाॅकडाउन में रामायण का दोबारा प्रसारण शुरू किया गया तो चमक दमक वाले सारे सीरियल्ज इसके सामने ढेर हो गये और लोग एक बार फिर डी डी की ओर लौटे । राम बने अरूण गोविल पर फिर कृपा हुई और उन्हें विज्ञापन मिलने लगे । सीता बनी दीपिका चिखलिया को भी नये प्रोजेक्ट मिलने लगे । खैर ।

हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है । हम सभी धर्मों को सम्मान देते हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं तभी तो गाने के बोल हैं 
वो भारत देश है मेरा
जहां जहां डाल डाल पर 
चिडियां डाले हैं डेरा 
वो भारत देश है मेरा 


मेरा , हमारा देश । राम मंदिर बनवाने के लिए आंदोलन हुआ और इसके लिए बावरी मस्जिद के ढांचे को क्षतिग्रस्त किया गया । फिर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और आखिरकार राम मंदिर निर्माण का रास्ता बन ही गया । अब राम मंदिर निर्माण पर बहुत सारी बातें आती जायेंगी । खुद उमा भारती ने आगे आकर कहा कि राम मंदिर भाजपा की बपौती नहीं । राम सबके हैं । लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मेरा सपना पूरा हुआ । कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने खुलकर जय श्री राम कह दिया लेकिन यह भी जोड़  दिया कि सबमें राम और सबके राम । यह भूमि पूजन राष्ट्रीय एकता , बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बने । 

देखा जाये तो यह न किसी राजनीतिक दल की जीत है और न किसी दूसरे दल की हार । ओवैसी ने जरूर कहा कि प्रधानमंत्री निजी हैसियत से जायें न कि प्रधानमंत्री के तौर पर क्योंकि हम धर्मनिरपेक्ष देश के वासी हैं । मंदिर निर्माण से पहले पूजा के समय डाॅ कर्ण सिंह ने सीता मैया को भी साथ विराजमान करने की बात उठाई थी और कुछ लोगों ने हनुभानगढ़ी जिक्र पहले पूजा की बात भी उठाई । अब यह भी बात एक पक्ष सामने लाता रहा कि बड़े अस्पताल के निर्माण की बजाय मंदिर निर्माण का कहां तक औचित्य है ? ये सारी बातें चलती रहेंगी लेकिन आज तो एक बार अयोध्या चलें और न भी चलें तो सिया राम मय सब जग जानी.....