रात के भोजन और सोने का समय निश्चित होना चाहिए
नींद न आने और डाइबिटीज के बीच रिश्ता गहरा है, यह बात एक हालिया शोध से सामने आई है। अनिद्रा की शिकायत वाले लोगों को टाइप 2 डाइबिटीज होने का अंदेशा रहता है।
नींद न आने और डाइबिटीज के बीच रिश्ता गहरा है, यह बात एक हालिया शोध से सामने आई है। अनिद्रा की शिकायत वाले लोगों को टाइप 2 डाइबिटीज होने का अंदेशा रहता है। यह बात ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में पता चली है। इस शोध में ब्रिटेन के करीब चार लाख लोगों के नींद संबंधी मेडिकल केस बारीकी से जांचे गए। किसी को नींद नहीं आती, और कोई सोता ही नहीं। पैसा बढ़ने पर तरह तरह के शगल भी बढ़ते हैं। चाय, कॉफी, धूम्रपान, मदिरा, फोन, कंप्यूटर, फिल्मों और पार्टी आदि के चक्कर में ठीकठाक आमदनी वाले लोगों की सोने की आदतों में बदलाव आता है और वे सात से कम घंटे की नींद लेते हैं। अमेरिकी लोग इस मामले में बाकियों से अलग हैं। वहां नींद की बड़ी समस्या है और अमेरिकी लोग अच्छी नींद लाने में सहायक गैजेट्स पर पैसा खर्च करने लगे हैं। ग्लोबल मार्केट इनसाइट्स की एक रिपोर्ट की मानें तो कोविड के पहले साल में दुनिया में नींद लाने में सहायक उपकरणों की बिक्री 94,000 करोड़ रुपए से अधिक रही। 2025 तक बिक्री का यह आंकड़ा तीन गुना तक होने का अनुमान है।
एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन कितने घंटे की नींद लेनी चाहिए, इस बारे में एक सीधा फॉर्मूला तो यह है कि जागने के बाद यदि आप थकान महसूस करते हैं तो इसका मतलब है कि आपको थोड़ा और सोना चाहिए। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, एक वयस्क व्यक्ति को दिन में कम से कम 7 और अधिक से अधिक 9 घंटे की नींद चाहिए होती है। यदि 7 घंटे सोने के बाद आपके शरीर में दिन भर चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है, तो इतनी नींद आपके लिए पर्याप्त है। लेकिन यदि आप दिन में थकान और सुस्ती महसूस करते हैं, तो इसका मतलब है कि आपको थोड़ी देर और सोना चाहिए। ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की रिसर्च से यह तथ्य भी सामने आया कि एक निश्चित समय पर सोने जागने से अनिद्रा की समस्या में कमी आती है। देर रात भोजन करने की आदत भी त्यागनी चाहिए। साथ ही, जो लोग योग और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बना लेते हैं, उन्हें अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है। यदि फिर भी अनिद्रा की शिकायत बनी रहे तो चिकित्सक से परामर्श लेने की जरूरत है।
कम नींद लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। ऐसे लोगों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका 20 प्रतिशत अधिक रहती है। इन्हें मोटापा भी घेर सकता है। दरअसल, नींद हॉर्मोन संतुलन का काम करती है, जिससे शरीर का विकास और दिमागी चुस्ती बनी रहती है। अच्छी नींद लेने से कार्यक्षमता बढ़ती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी बढ़ती है और वजन कंट्रोल में रहता है। पर्याप्त नींद लेने से दिल के रोग और मधुमेह जैसे रोग दूर रहते हैं। पुर्तगाल के नामी फुटबाल खिलाड़ी क्रिस्टयानो रोनाल्डो के बारे में मशहूर है कि वे कभी आम लोगों की तरह आठ घंटे की नींद नहीं लेते। इसके विपरीत वे डेढ़-डेढ़ घंटे के लिए दिन में पांच बार सोते हैं। उनका यह रूटीन तब से चला आ रहा है, जब वह मैनचेस्टर यूनाइटेड से खेला करते थे। लंच के बाद 40 मिनट की पॉवर नैप भी उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
(नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)