कुछ याद इन्हें भी कर लो जो...

कोई देश के लिए मर मिट रहा है तो कोई शराब के लिए...पत्रकार कमलेश भारतीय की कलम से-

कुछ याद इन्हें भी कर लो जो...
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
कोरोना के दौरान भी भारत पाक सीमा पर गोलीबारी जारी है । देश के लिए शहीद होने और प्राण न्योछावर करने वाले जांबाज मौजूद हैं मोर्चे पर । जब हम शराब पाने की मारा-मारी में लगे हैं तब वे देश प्रेम के नशे में डूबे हैं । फर्क देखिए । जीने के अंदाज का । कोई देश के लिए मर मिट रहा है तो कोई शराब के लिए । मरने मारने का अंदाज भी अलग है । एक की पत्नी शहीद होने पर भी कहती है कि मैं आंसू नहीं बहाऊंगी । गर्व है मुझे । शराबी की पत्नी समाज से मुंह चुराती फिरती है और कहती है कि मुंह कैसे दिखाऊं ? किस गथाव के लिए दिखाऊं ? बहस के नये शोज आ गये । शराब से कितना रेवेन्यू के आंकड़े दिए जा रहे हैं । समाज को इन आंकड़ों से क्या मिलेगा?  शराबी आदमी का घर में कोई इंतजार नहीं करता जबकि एक शहीद के पार्थिव  शरीर के आने पर भी दिल यह दुआ करता है कि अभी बोलने लग जाएं उठ कर । शहीदों को सारा देश श्रद्धांजलि दे रहा है । देनी भी चाहिए ।
इधर हमारे हिसार से मुम्बई में उद्योग की दुनिया में नाम बना चुके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्रों में शामिल एक नाम सज्जन जिंदल का कहना है कि इस कोरोना काल में मेरे परिवार ने स्क्रीन यानी फेसबुक और इंटरनेट की दुनिया में कम समय लगाने का निश्चय किया है और परिवार को ज्यादा समय देने की कोशिश रहती है । बिल्कुल सही ।  यही किया है कोरोना ने जो अलग अलग कमरों में बैठे फोन पर ही बतियाते थे वे अब डाइनिंग टेबल पर एक साथ बैठ कर हंसते खेलते हैं । बदलाव का स्वागत् है ।