सोनाली, सुल्तान और बिनैन खाप/ कमलेश भारतीय
खाप को एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। एक जैसी सुनवाई।
पांच जून से आज का दिन। कोई दिन ऐसा नहीं बीता जब टिक टाॅक स्टार सोनाली फोगाट और मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह की चर्चा न हुई हो। बालसमंद की अनाज मंडी से शुरू हुआ यह धारावाहिक काफी सफलतापूर्वक चल रहा है। संभवतः सपना चौधरी के वीडियोज को मात दे रही हो सोनाली फोगाट। कला अलग हो सकती है। कला या कलह? कोई फर्क नहीं अलबत्ता। वीडियोज और ऑडियोज की कोई कमी न रही और सोनाली के अतिरिक्त आठ और महिलाओं की शिकायतों का महिला आयोग दावा कर रहा है। दो दो बार सोनाली को सुना महिला आयोग ने। एक बार हिसार आ कर तो दूसरी बार पंचकूला के ऑफिस में। इन सबके बीच पहले नेता आए। पक्ष के भी और विपक्ष के भी। कर्मचारी आए। किसान और महिलाएं आईं। फिर हरियाणा में खाप का अपना महत्त्व है। बिनैन खान भी आई। सुल्तान सिंह को दनौदा बुलाया भरी सभा में लेकिन सोनाली को सुनने खुद चल कर हिसार उसके घर तक आ गयी। है न फर्क? महिला के तो घर आकर सुनवाई और पुरूष को भरी सभा में बुलाकर पूछताछ? यह न्यायसंगत है? फिर पहले दिया अल्टीमेटम कि हम पंद्रह को शुरू करेंगे आंदोलन लेकिन जब एस पी को मिले तो नहीं दिया कोई ऐसा अल्टीमेटम। क्यों? रणनीति बदल गयी? वैसे थो खाप की अपनी कार्य प्रणाली हो सकती है। खाप का अपना सम्मान है। भाजपा ने भी सोनाली को एक बार भी मीडिया में जाने से नहीं रोका। रोज़ नया बयान। रोज़ नयी ऑडियो या वीडियो। इससे मामला ठंडा कैसे पड़ेगा? जब तक आप मीडिया में रोज़ बयानबाज़ी करते रहोगे तब तक मामले के ठंडा होने की उम्मीद छोड़ दीजिए। खाप को एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। एक जैसी सुनवाई। इस तरह घर चल कर जाना कुछ हजम नहीं हुआ। पर यह धारावाहिक काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। इसकी लोकप्रियता का नया रिकाॅर्ड बनता जायेगा।