आज तक की रिपोर्टर श्वेता सिंह से कमलेश भारतीय की एक विशेष मुलाक़ात
मुझे फ्रंटलाइन पर काम करके मज़ा आता है: श्वेता सिंह
मैं मूलतः एक रिपोर्टर हूं । इसलिए हमेशा फ्रंट पर रह के रिपोर्टिंग करना मेरी पसंद है । मैं ऑफिस में बैठ नहीं सकती । फिर चाहे जम्मू कश्मीर में बाॅर्डर पर जाना हो या फिर कोरोना के संकट पर फील्ड में जाना हो । मैं फ्रंटलाइन पर ही लड़ना और रिपोर्टिंग करना पसंद करती हूं । यह कहना है देश के लोकप्रिय चैनल आज तक की तेज तर्रार रिपोर्टर श्वेता सिंह का । इतनी लोकप्रिय हैं श्वेता सिंह कि कपिल शर्मा ने एक शो इन्हें लेकर किया तो बिग बी अमिताभ बच्चन के सर्वाधिक पसंदीदा कार्यक्रम कौन बनेगा करोड़पति में एक एक्सपर्ट के रूप में दिखाई दीं । महिला पत्रकारों में एक बड़ा चर्चित नाम । श्वेता सिंह । मैंने अपने छोटे भाई जैसे एंकर रोहित सरदाना से श्वेता का इंटरव्यू करवाये जाने की बात कही और रोहित ने सब तय कर दिया । आभार रोहित ।
-सबसे पहले अपनी जन्मभूमि और पढ़ाई लिखाई के बारे में जानकारी दें श्वेता ?
-मूल रूप से तो हमारा परिवार राजस्थान के अलवर से है लेकिन परिवार पहुंच गया बिहार की वैशाली में । पटना और प्रयाग में हुई मेरी शिक्षा ।
-पत्रकारिता में कैसे आ गयीं ?
- सच्ची बात कहूं कि मेरा सपना था भारतीय सेना में जाना। पर लड़कियों को कॉमबैट रोल नहीं मिलता। फिर सोचा आईपीएस बनूँ । पर ग्रेजुएशन करने के दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखना शुरू किया । उन दिनों मीडिया में एक बूम आया था कि जो लोग हिंदी और अंग्रेजी पर समान अधिकार रखते हों , उन्हें लपक लिया जाए जैसे क्रिकेट का नारा कैच दैम यंग । मैं भी मीडिया द्वारा लपक ली गयी ।
-टीवी पत्रकारिता की शुरुआत किस चैनल से की ?
-सहारा टीवी । सन् 2002 तक इस चैनल में रही । फिर कुछ समय जी न्यूज़ और सन् 2003 से आज तक में । यानी पूरे सत्रह वर्ष हो गये मुझे आजतक में ।
-आप कोरोना के संकट में भी दिल्ली की सड़कों पर दिख रही हैं । खासतौर पर निजामुद्दीन जैसे इलाके में ग्राउंड रिपीर्टिंग करती हुईं । इसीलिए ध्यान गया कि पूछ लूं कि ऐसा कैसे ?
-ग्राउंड पर काम करके मुझे मज़ा आता है । ऑफिस में बंध कर बैठ नहीं सकती ।
-कोरोना जैसे किसी और बड़े इवेंट को कवर किया ?
-जम्मू-कश्मीर के बाॅर्डर पर जाकर भी कवरेज करती हूं । प्राकृतिक आपदाएँ कवर करती हूँ । हर समय फ्रंटलाइन पर रहने की आदत । सेना में नहीं जा सकी पर जज़्बा वैसा ही है ।
-मीडिया की आजकल बहुत आलोचना हो रही है । कोई कोई तो गोदी मीडिया भी कहता है । क्या कहेंगी ?
-ये अलग अलग राजनीतिक पक्षों का तरीक़ा है दबाव बनाने का। कोई तर्क पसंद न आए तो गाली दे दो। कोई गोदी कहे, भक्त कहे, चमचा कहे या प्रेस्टिट्यूट।
-कोरोना की लड़ाई में परिवार के बीच जाते कितनी एहतियात रखती हैं ?
-दूरी बना कर। कभी किसी दिन घर नहीं भी जाती। सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है ।
-आपकी रोल माॅडल कौन ?
-कोई भी नहीं। मैं खुद का रास्ता, खुद के लक्ष्य, खुद की लड़ाई में विश्वास रखती हूँ।
-कपिल शर्मा के शो में आपने कहा कि मैं फिल्म डायरेक्टर बनना चाहती थी । क्या वह सपना अब भी देख रही हैं ?
-सपना नहीं, लक्ष्य कहूंगी इसे। डॉक्यूमेंटरी फिल्में तो बनाती ही रहती हूं । देखिए वर्दी पहनने की तो उम्र निर्धारित है लेकिन फिल्म डायरेक्शन तो किसी भी उम्र में की जा सकती है न । तो फ़ीचर फ़िल्म आगे कभी बना लूँगी ।
-कुछ समय मिल जाए फुर्सत का तो क्या करती हैं श्वेता?
-पढ़ती हूं और फिल्में देखती हूं ।
-कौन से हीरो हीरोइन पसंद हैं ?
-सर । मैं हाॅरर फिल्में देखती हूं । पर सलमान मुझे पसंद हैं।
-इतना लम्बा समय हो गया पत्रकारिता में ऊब तो नहीं गयीं?
- बिल्कुल नहीं । आज भी फ़्रेश । हमेशा फ़्रेश । चौबीसों घंटे रिपोर्टिंग कर सकती हूं और ऑफिस जाने को उत्साहित रहती हूं । जब तक यह उत्साह बना रहेगा तब तक फ़्रेश महसूस करती रहूंगी ।
खूब हंसते हंसते हमारी बात संपन्न ।