अंबेडकर जयंती पखवाड़ा समारोह के दूसरे दिन साइबर फ्रॉड जागरूकता पर विशेष व्याख्यान

रोहतक, गिरीश सैनी। डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पखवाड़ा समारोह के दूसरे दिन दादा लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स ( डीएलसी सुपवा) में साइबर फ्रॉड जागरूकता विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
बतौर मुख्य वक्ता, सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने बीते कुछ वर्षों में साइबर फ्रॉड मामलों में आई तेजी पर चिंता जताते हुए डिजिटल साक्षरता तथा जन-जागरूकता की अनिवार्यता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज स्क्रीन ही हमारा नया रास्ता बन चुका है। यह जितना सुविधाजनक है, उतना ही जोखिमपूर्ण भी। ऐसे में शिक्षा और सतर्कता ही हमारी पहली रक्षा पंक्ति हैं।
सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने "डिजिटल अरेस्ट" की अवधारणा पर ज़ोर देते हुए उपस्थित जन को डिजिटल लेन-देन में सावधानी बरतने, ओटीपी और व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने, तथा किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की तुरंत साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट करने का सुझाव दिया।
इस दौरान पुलिस उप-निरीक्षक सिम्मत कुमार और सहायक उप-निरीक्षक दयानंद ने वास्तविक मामलों और अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही ठगी की तकनीकों से अवगत कराया।
अभिनय विभाग के विद्यार्थियों ने प्रो. विभान्शु द्वारा लिखित व निर्देशित एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। हास्य और गति से भरपूर इस नाटक ने साइबर धोखाधड़ी के आम तरीकों और उनके पीड़ितों की स्थिति को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया।
इस दौरान डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. अजय कौशिक और कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक ने इस समसामयिक विषय पर शिक्षित करने के प्रयासों की सराहना की। डॉ. गुंजन मलिक ने कहा कि साइबर फ्रॉड जैसे सामाजिक सरोकारों पर जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है।