भारतीय नौसेना दिवस के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान आयोजित
रोहतक, गिरीश सैनी। भारतीय नौसेना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है । यह भारतीय युवाओं को नौसेना में करियर बनाने का अवसर प्रदान करती है। ये उद्गार नौसेना के सेवानिवृत्त रियर एडमिरल प्रदीप जोशी ने एमडीयू के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग में भारतीय नौसेना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष व्याख्यान कार्यक्रम में कही।
व्याख्यान कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष प्रो. सेवा सिंह दहिया ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नौसेना में भर्ती होने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए और नौसेना में भर्ती होकर देश सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।
मुख्य वक्ता एडमिरल प्रदीप जोशी ने बताया कि नौसेना में सुनहरे करियर की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने भारतीय नौसेना में महिलाओं की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हमारा देश तीन ओर से सागर से घिरा होने के कारण हमें भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण आवश्यकता पड़ती है। नौसेना के बिना हम हमारी समुंद्री सीमा को सुरक्षित नहीं रख सकते। समुद्री सेना का ताकतवर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने भारत-पाक युद्धों के दौरान भारतीय नौ सेना की अहम भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक देश को शक्तिशाली होने के लिए थल सेना, वायु सेना के साथ-साथ नौसेना का शक्तिशाली होना भी बहुत जरूरी है। मुख्य वक्ता ने चीन की हिंद महासागर में बढ़ती हुई गतिविधियों, नौसेना की शांति एवं युद्ध के समय में भूमिका एवं भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भविष्य में उत्पन्न चुनौतियों के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कोविड-19 में आपदा प्रबंधन में भारतीय नौसेना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला । विशेष व्याख्यान के दौरान उन्होंने डॉक्यूमेंट्री दिखाई। इस दौरान प्रो. एस पी वत्स, आई जी के डी श्योराण, डॉ. प्रताप सिंह, डॉ. प्रोमिला, कर्नल भास्कर गुप्ता, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।