जनहित याचिका की भूमिका पर विशेष व्याख्यान आयोजित

जनहित याचिका की भूमिका पर विशेष व्याख्यान आयोजित

रोहतक, गिरीश सैनी। न्यायपालिका और लोकतंत्र के बीच संबंध, और जनहित याचिकाओं की भूमिका का समझने के उद्देश्य से एमडीयू के विधि विभाग में- न्यायतंत्र बनाम लोकतंत्र: जनहित याचिका की भूमिका पर विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ के अधिवक्ता विनीत जाखड़ ने बतौर की-नोट स्पीकर इस व्याख्यान में न्यायपालिका और लोकतंत्र की परिभाषा और उनके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का कार्य न केवल कानूनों के प्रवर्तन में है, बल्कि यह लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने जनहित याचिका की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से भावी अधिवक्ताओं को अवगत करवाते हुए कहा कि पीआईएल ने आम नागरिकों को न्यायालय में अपनी समस्याओं को उठाने का सशक्त मंच प्रदान किया है। यह विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता, लोकतंत्र के सिद्धांत और जनहित याचिकाओं का प्रभाव समेत विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

 

प्रारंभ में विधि विभागाध्यक्ष प्रो. जितेन्द्र ढुल ने स्वागत भाषण दिया और व्याख्यान की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के संयोजक डा. परविंदर ने व्याख्यान के उद्देश्य को रेखांकित किया। डा. ऋषभ यादव ने आभार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्राध्यापक डा. सत्यपाल, डा. अश्विनी, डा. राहुल यादव, डा. रेखा, डा. प्रदीप लाकड़ा तथा डा. जयदेव सहित अन्य शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।