भारत में बदलते गांवों की तस्वीर विषय पर विशेष व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित
रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा- भारत में बदलते गांवों की तस्वीर विषय पर एक विशेष व्याख्यान कार्यक्रम में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रोफेसर डा. सुरिन्द्र सिंह जोधका ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की।
प्रो. जोधका ने गांवों के विषय में बनाई गई धारणाओं को चुनौती देते हुए कहा कि गांव और शहर के बीच के विभाजन को विशेष मान्यताओं के आधार पर गढ़ा गया है जो कि सत्य नहीं हैं। अंग्रेजों के द्वारा दी गई शिक्षा का इन मान्यताओं को गढऩे में अहम रोल रहा है, ऐसा उनका कहना था। प्रो. जोधका ने गांव में आ रहे बदलावों को भी रेखांकित करते हुए जाति, धर्म, लिंग और संगठन के आधार पर समाज में जो बदलाव आ रहे हैं उनकी प्रकृति पर भी प्रकाश डाला।
प्रो. जोधका ने इतिहास की सही व्याख्या करने पर ज़ोर दिया और बताया कि कैसे समय के साथ पलायन होने के बाद भी गाँवों की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि शहर की श्रेष्ठता और गांव के पिछड़ेपन के पुराने आधारों को छोड़ने की ज़रूरत है। हमें पश्चिम के मापदंडों पर शहर और गांव के चरित्र में फर्क़़ करने के पैमानों से बाहर आना होगा।
समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. देसराज सभरवाल ने व्याख्यान कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और व्याख्यान की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर परमिंदर सिंह, डॉ. सुरेंद्र कुमार, नीलिमा दहिया, जगमति सांगवान, भगत सिंह राठी, डॉ. सेवा सिंह दहिया (डीन सोशल साइंसेज), प्रो. राजेश, डॉ. राजेंद्र चौधरी, रमणीक मोहन, डॉ. सुप्रीति समेत शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे।