सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की जयंती पर विशेष
कल सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर जी की जयंती । उनकी गोद में मेरा दोहिता आर्यन । बहुत यादें हैं ...बहुत याद आते हैं आप ...दैनिक ट्रिब्यून के हिसार में आयोजित कथा पुरस्कार समारोह के आप मुख्यातिथि थे तो तीन दिन हिसार रहे और आपका सान्निध्य मिला । हमारे संपादक विजय सहगल किसी और कथाकार को आमंत्रित करना चाहते थे । मैंने कहा कि हिसार के हीरो विष्णु प्रभाकर हैं । वे पूरा बीस वर्ष हिसार ही रहे अपने ननिहाल में । यहीं पढ़ाई की और यहीं कलम पकड़ी और नाटकों में काम किया । इसलिए हिसार में कोई और नहीं सिवाय विष्णु प्रभाकर के । कोई और नहीं । इस तरह वे हिसार आए । वैसे सन् 1975 से आपसे एक सप्ताह के शिविर में कथा लेखन की बारीकियां सीखीं अहमदाबाद में ।
# यादों की धरोहर में सबसे पहला इंटरव्यू विष्णु प्रभाकर जी का ही है जो दिल्ली जाकर उनके आवास पर लिया था दैनिक ट्रिब्यून के लिए ।
-विष्णु प्रभाकर जी की गोद में मेरा दोहिता आर्यन ।
-कमलेश भारतीय