विश्व में पृथ्वी दिवस पर विशेष - पृथ्वी है तो हम हैं
पूरे विश्व में पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया जाता है। इसे पहली बार 1970 में मनाया गया था जिसका उद्देश्य लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था। अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस, महज़ एक ही दिन न मना कर, हमें पृथ्वी से मिल रही संतुष्टि के बदले कुछ ज़िम्मेदारिया भी निभानी होंगी। पृथ्वी, एक ऐसा स्थान जहाँ हम कभी भी इसकी ताज़गी, खुली हवा, वर्षा, अतुल्य दृश्य, शांति, हरियाली, फूल आदि का मुफ्त में आनंद ले सकते है । हमे पर्यावरण से मिलने वाली चीज़ो से अपनी ज़रूरत पूरी करनी चाहिए न कि अपना लालच ।
पृथ्वी से हमें इतने फायदे हैं कि अगर मैं कहूँ तो शायद शब्द कम पड़ सकते हैं पर फायदे नहीं। लेकिन आज हम अपने लालच को पूरा करने के लिए अपने सुन्दर घर को प्रदूषित कर रहे हैं । पेड़ों से पृथ्वी की सुंदरता ओर निखर जाती है। जल होने से पृथ्वी पर ज़िंदगी बढ़ जाती है । घर की सुंदरता को बढ़ाने की अपेक्षा हम इसको नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे । पृथ्वी के अमुल्य रतन जैसे ओज़ोन परत को हमारे द्वारा प्रयोग होने वाले आधुनिक यंत्र बहुत जल्दी से समाप्त कर रहे हैं। हमारा ज़्यादा मोबाइल चलाना भी हमारी पृथ्वी के नाश का कारण बनने में से एक है । हम सबको इस दिन एक वृक्ष की स्थापना करने की शुरुआत करनी चाहिए और जल का सही प्रयोग हो इस पर ध्यान देना चाहिए । मैं नहीं कहती एक इंसान सब सही कर देगा लेकिन शुरुआत करने की पहल हमें खुद करनी होगी । अपने घर की छत पर गर्मियों में पक्षियो के लिए जल रखने से उनकी प्रजाति को विलुप्त होने से कम कर सकते हैं ।पृथ्वी हमारा घर है और इसे साफ़ रखना हमारा कर्त्तव्य है ।
पृथ्वी की खुशहाली ,है हमारी ज़िम्मेदारी ।।
हमारी ज़रूरत से अधिक लालच, पड़ेगा हम पर भारी ।।
पेड़ों को लगाने की, रहे कोशिश सफल हमारी ।।
पानी का उचित प्रयोग हो नियम को रखे जारी ।।
कोरोना की जड़ एक है पृथ्वी के प्रति हमारी लापरवाही ।।
पृथ्वी का सम्मान करें सही प्रयोग को समझे ज़िम्मेदारी ।।
-नेहा सहगल