राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस पर आयोजित होंगे विशेष कार्यक्रम
नई दिल्ली. 27 फरवरी 2023: विश्व पुस्तक मेले के तीसरे दिन राजकमल प्रकाशन के 'जलसाघर' में विभिन्न पुस्तकों पर परिचर्चा हुई और नई पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। 'जलसाघर' में आज विनोद कापड़ी, नन्दिनी सुन्दर, संजय सिंह, गीता श्री, वंदना राग, शिवमूर्ति, वीरेन्द्र यादव, मलय जैन, संपत सरल आदि साहित्यकार-लेखक मौजूद रहे। राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने बताया कि कल 28 फरवरी को राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस पर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
आज के कार्यक्रम के पहले सत्र में दिव्य प्रकाश दुबे से बातचीत करते हुए मारण मंत्र के लेखक विमल चन्द्र पाण्डेय ने अपनी एक कहानी के बारे में बात करते हुए कहा कि हर किसी के जीवन में एक मंटू भैया होते हैं जिनकी नजर से हम दुनिया देखना सीखते हैं। उसके बहुत सारे अनुभव आपको मैच्योर करते हैं। भले ही बड़े होने के बाद उनकी बहुत सारी बातें आपको काम की न लगें पर आपको बनाने में उनका गहरा योगदान होता है। विमल ने कहा कि विजुअलाइजेशन मेरी कहानियों का एक जरूरी हिस्सा है। मुझे अपनी कहानियों को दृश्यों में देखना सुंदर लगता है। शायद यह भी एक चीज है जो मुझे फिल्म निर्देशन की तरफ ले गई।
अगले सत्र में विनोद कापड़ी की चर्चित किताब '1232km कोरोना काल में असंभव सफर' पर मनोज कुमार पाण्डेय ने उनसे बातचीत की। विनोद कापड़ी ने कहा कि '2020 का लॉकडाउन 1947 के बाद का दूसरा बंटवारा था। 1947 बंटवारा दो वर्गों के बीच हुआ था और यह बंटवारा अमीर और गरीब के बीच हुआ। इसके बाद लेखक-पत्रकार संजय सिंह की किताब 'एक थी शीना बोरा' का लोकार्पण हुआ और इस पर बातचीत हुई। इस दौरान मंच पर जाने माने न्यूज़ एकंर सुमित अवस्थी, विनोद कापड़ी और नितिन सुखुजी मौजूद रहे। 'एक थी शीना बोरा' किताब 2015 में हुए एक हत्याकांड पर आधारित है़। शीना बोरा हत्याकांड लालच, झूठ और महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़े रिश्तों की कहानी है़। यह किताब इस केस को बहुत ही सरल और आसान तरीके से समझने में मदद करती है़। इसके बाद नन्दिनी सुंदर की पुस्तक 'दावानल : माओवाद से जंग' पर परिचर्चा में लेखक ने कहा कि 'यह किताब लिखना मेरे लिये काफी मुश्किल रहा था। जिन पर अत्याचार हुए थे उनके अत्याचारों को लिखना और सनसनी भी पैदा न करना एक बड़ा चेलेंज था।
अगले सत्र में गीताश्री की नई किताब 'कैद बाहर का लोकार्पण हुआ। लोकार्पण के बाद धर्मेंद्र सुशांत ने उनसे किताब पर बातचीत की। इस दौरान जानी मानी साहित्यकार वंदना राग भी उपस्थित रहीं। वहीं अगला सत्र मलय जैन की किताब 'हलक़ का दारोगा' के नाम रहा। इस कार्यक्रम में महेश कटारे और आशीष कंथवे भी मौजूद रहे। इसके बाद उमाशंकर चौधरी के नए कविता संग्रह 'कुछ भी वैसा नहीं' का लोकार्पण हुआ और काव्य पाठ भी किया गया। इस दौरान मदन कश्यप ने उनसे किताब पर बातचीत की। कार्यक्रम के आखिरी सत्र में चर्चित व्यंगकार सम्पत सरल की किताब 'एक मंजिला मकान में लिफ्ट' का लोकार्पण हुआ। लेखक अपने तीखे वैचारिक व्यंग्यों से सामाजिक-राजनीति विसंगतियों को उजागर करने के लिये विख्यात हैं। इस मौके पर लेखक ने कहा कि यह समय व्यंग्य के लिये बहुत ही उर्वरक है़। हमारे आस-पास इतनी राजनीति और सामाजिक विसंगतियां हैं कि व्यंग्य का भविष्य उज्जवल लग रहा है़।
रेत समाधि के उपहार संस्करण का होगा लोकार्पण
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित कथाकार गीतांजलि श्री के उपन्यास रेत समाधि के उपहार संस्करण का लोकार्पण मंगलवार को विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन के जलसाघर में होगा। राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने बताया कि राजकमल से प्रकाशित रेत समाधि अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित होने वाली किसी भी भारतीय भाषा की इकलौती कृति है। गीतांजलि श्री ने इस उपन्यास के जरिये हिंदी साहित्य में नई लकीर खींची। दूसरी तरफ इस उपन्यास को पाठकों ने भी बढ़ चढ़ कर पसंद किया। ऐसे में हम राजकमल प्रकाशन के 76वें स्थापना दिवस के मौके पर, विश्व पुस्तक मेले में राजकमल के जलसाघर में अपराह्न पाँच बजे रेत समाधि के उपहार संस्करण का लोकार्पण करने जा रहे हैं। इस मौके पर गीतांजलि श्री भी उपस्थित रहेंगी।
राजकमल के जलसाघर में विनोद कुमार शुक्ल की सात किताबों के नए संस्करणों का लोकार्पण कल
वरिष्ठ कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल की सात किताबों के नए संस्करणों का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले में, राजकमल प्रकाशन समूह के जलसाघर में मंगलवार को होगा। यह जानकारी राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने दी। महेश्वरी ने बताया, हम शीर्षस्थ कवि कथाकार विनोद कुमार शुक्ल की सात किताबें विश्व पुस्तक मेले में मंगलवार को लोकर्पित करेंगे। इनमें राजकमल से पहले से प्रकाशित पाँच किताबों के नए संस्करण होंगे, जिन्हें नई साज सज्जा और नए आवरण में प्रस्तुत किया गया है। 'कभी के बाद अभी', 'सब कुछ होना बचा रहेगा', 'कविता से लंबी कविता' (कविता संग्रह), 'हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी' और 'बौना पहाड़', 'नौकर की कमीज' (उपन्यास) ऐसी ही किताबें हैं. जबकि वह आदमी नया गरम कोट पहिन कर चला गया विचार की तरह (कविता संग्रह) और खिलेगा तो देखेंगे (उपन्यास) पहली बार राजकमल से प्रकाशित हुए हैं, वे पहले अन्यत्र से छपे थे। विनोद कुमार शुक्ल का कहानी संग्रह महाविद्यालय बीते वर्ष राजकमल से प्रकाशित हुआ था।
राजकमल की प्रतिनिधि शृंखला में उदय प्रकाश, गगन गिल की किताबें
राजकमल प्रकाशन की प्रतिष्ठित प्रतिनिधि शृंखला में कथाकार चंद्रकिशोर जायसवाल, शिवमूर्ति और उदय प्रकाश की 'प्रतिनिधि कहानियाँ' और उदय प्रकाश और गगन गिल की 'प्रतिनिधि कविताएँ' प्रकाशित होकर विश्व पुस्तक मेले में पाठकों के सामने होंगी। राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने बताया, कि प्रतिनिधि कहानियाँ और प्रतिनिधि कविताएँ राजकमल प्रकाशन की ही नहीं, हिंदी की सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुस्तक शृंखला हैं। राजकमल की तो यह ध्वजवाही शृंखला है। यह शृंखला लेखक को संक्षिप्त मगर समग्र रूप में प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा, हम इस शृंखला में उदय प्रकाश की प्रतिनिधि कहानियाँ, प्रतिनिधि कविताएँ और गगन गिल की प्रतिनिधि कविताएँ मंगलवार को विश्व पुस्तक मेले में लोकर्पित करेंगे। साथ ही गगन गिल की एक और किताब 'तेजस्विनी अक्का महादेवी के वचन' का लोकार्पण भी होगा।
अशोक महेश्वरी ने कहा कि विश्व पुस्तक मेले में कथाकार चंद्रकिशोर जायसवाल और शिवमूर्ति की प्रतिनिधि कहानियाँ भी पाठकों के सामने आयेंगी। उन्होंने कहा, राजकमल की प्रतिनिधि शृंखला में अग्रणी कथाकारों-कवियों की किताबें हम ऐसे समय ला रहे हैं जब राजकमल प्रकाशन अपने 75 वर्ष पूरे कर आगे की यात्रा पर बढ़ रहा है।