चौ बीरेन्द्र सिंह के बेबाक बोल। कहा, युवाओं को नयी दिशा देने की कोशिश होगी हमारी जींद की रैली।

हरियाणा के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ बीरेन्द्र सिंह हिसार आये सैलजा की बहन की शोक बैठक में और बाद में अपने किसी समर्थक के आवास पर खासतौर पर बातचीत की । छहत्तर वर्षीय चौ बीरेन्द्र सिंह अपने बेबाक बोल और खरी खरी बात कहने के लिए जाने जाते हैं । आज भी वही बेबाक बोल थे न केवल जींद में अगले वर्ष शहीदी दिवस 23 मार्च को होने वाली रैली को लेकर बात की , बल्कि कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों पर भी अपने मन की बात रखी ।

चौ बीरेन्द्र सिंह के बेबाक बोल। कहा, युवाओं को नयी दिशा देने की कोशिश होगी हमारी जींद की रैली।

-कमलेश भारतीय 
हरियाणा के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ बीरेन्द्र सिंह हिसार आये सैलजा की बहन की शोक बैठक में और बाद में अपने किसी समर्थक के आवास पर खासतौर पर बातचीत की । छहत्तर वर्षीय चौ बीरेन्द्र सिंह अपने बेबाक बोल और खरी खरी बात कहने के लिए जाने जाते हैं । आज भी वही बेबाक बोल थे न केवल जींद में अगले वर्ष शहीदी दिवस 23 मार्च को होने वाली रैली को लेकर बात की , बल्कि कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों पर भी अपने मन की बात रखी । अपने अंदाज और हंसी मजाक में जवाब देते गये ! 
-यह जींद की रैली क्यों और किसलिए ?
-'बीरेंद्र सिंह के साथी' मेरे समर्थकों ने एक संस्था बना रखी है । यह रैली उसी की ओर से की जा रही है । 
-इस रैली का उद्देश्य ?
-साफ साफ शब्दों में यह रैली युवाओं को नयी दिशा देने की कोशिश होगी । युवा वर्ग आज राजनीति से कोई उम्मीद नहीं लगाये हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय जवान, जय किसान , जय विज्ञान और जय अनुसंधान तक कह दिया लेकिन अनुसंधान सिर्फ स्पेस या तकनीक का ही नहीं बल्कि गरीबी और भ्रष्टाचार मिटाने के लिए भी होना चाहिए । समान शिक्षा , स्वास्थ्य और किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाना चाहिए अनुसंधान ! इस देश की बदकिस्मती देखिए कि 80 करोड़ लोग सरकारी राशन लेने के लिए मजबूर हैं ! 
-इससे अलग और किन बातों पर आप चिंतित हैं ?
-धर्मांधता के बढ़ते प्रसार पर , जाति-पाति से समाज को हटा कर सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनाने की दिशा में काम होना चाहिए । हम इसे करेंगे ! 
-राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर क्या कहेंगे ?
-यह यात्रा प्रभावशाली है और विपक्ष का मजबूत होना लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है । विपक्ष मजबूत नहीं होगा तो लोकतंत्र कैसे बचेगा ?
-क्या आपके दिल में कांग्रेस है या आपको सच्चा कांग्रेसी समझ लूं ?
-कांग्रेस एक मूवमेंट है जिसने स्वस्थ भूमिका निभाई है । यह काडर बेस्ड पार्टी है । इसका मजबूत होना बहुत जरूरी है स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ! 
-आदमपुर में कांग्रेस की हार पर क्या कहोगे ?
-कांग्रेस की हार अच्छी रही । इसका हारना ही ठीक क्योंकि जीत जाती तो इसका अहंकार बढ़ जाता ! यह हार कांग्रेस की सरवाइवल में काम आयेगी । 
-लेकिन आप तो आदमपुर में चुनाव प्रचार के लिए आये ही नहीं । क्यों ? बृजेंद्र कहते रहे कि यह सवाल आप बीरेन्द्र जी से ही पूछो । अब बताइये ।
-विधिवत तरीके से बुलाया नहीं गया । दूसरे मेरे से यह भी डर कि पता नहीं क्या बोल जाये ! 
-नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस हाईकमान ने फ्री हैंड दिया और अभी कांग्रेस में गुटबाजी तेज है ।
-हम लोग यानी मैं और भूपेंद्र सिंह मिलते रहते हैं और मैंने कहा भी कि फ्री हैंड लेकर ज्यादा खतरनाक काम कर लिया । कांग्रेस कल्चर में यह किसी एक की बपौती नहीं है । इसलिए गुटबाजी बढ़ रही है । 
-आप कभी इनेलो के मंच पर चले जाते हैं तो कभी भाजपा के मंच पर । ऐसा क्यों ?
-चौधरी देवीलाल और हमारे परिवार ने आमने सामने पांच चुनाव लड़े जिनमें तीन में हमारे परिवार को तो दो में उनके परिवार को जीत मिली । इसके बावजूद हमारा सामाजिक रिश्ता बना हुआ है । चौ देवीलाल के सम्मान में गया था और फतेहाबाद नहीं गया क्योंकि वहां तीसरे मोर्चे की बात होनी थी ।
-यह राजनीतिक गलियारों मे चर्चा है कि हिसार लोकसभा सीट भाजपा ने डील में कुलदीप बिश्नोई को दे दी है । फिर बृजेंद्र सिंह कहां से अगला चुनाव लड़ेंगे?
-टिकट वितरण के समय पता चलेगा और यह इतना आसान भी नहीं कि आप पार्टी से जो कुछ मांगो, वह मिल ही जाये ! अभी तो कुलदीप बिश्नोई को राजस्थान की जिम्मेवारी मिली है बिश्नोई वोट खींचने की ! इस समय कुलदीप की प्राथमिकता राजस्थान है । मैंने तो कुलदीप के भाजपा में शामिल होने पर कहा था कि इससे कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं और भाजपा को कोई फायदा नहीं । 
-आप पार्टी के प्रदर्शन पर क्या प्रतिक्रिया है आपकी ?
-आप पार्टी का दृष्टिकोण व्यापक नहीं । सिर्फ तीन सौ यूनिट बिजली फ्री और पेयजल फ्री ये कोई विजन नहीं । यह कोई माॅडल नहीं ! अरविंद केजरीवाल को इससे ऊपर उठकर सोचना चाहिए । पंजाब में लोग कुछ महीनों में ही पछता रहे हैं । राजनीति का माॅडल बनने के लिए राष्ट्रव्यापी सोच होना जरूरी है ।
-क्षेत्रीय दलों का क्या भविष्य है ?
-परिवारवाद के खिलाफ हैं युवा ! शिवसेना और बसपा को कोई जगह नहीं मिल रही । भविष्य बहुत कम है क्षेत्रीय दलों का !