छात्र आजकल अधिक जागरूक व अपने कैरियर के प्रति सतर्क हैं: डाॅ वंदना बिश्नोई 

छात्र आजकल अधिक जागरूक व अपने कैरियर के प्रति सतर्क हैं: डाॅ वंदना बिश्नोई 

-कमलेश भारतीय
छात्र व शिक्षक में रिश्ता  बहुत गहरा होता है। यह कहना है गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरसी राम बिश्नोई की धर्मपत्नी व स्वयं तैतीस साल शिक्षा जगत में  एसिस्टेंट  प्रोफ़ेसर, एसोसियेट  प्रोफेसर और बाद में प्रिंसिपल रहीं डाॅ वंदना बिश्नोई का। ‌वे गुजवि की प्रथम महिला के नाते काफी सक्रिय भी रहती हैं और अनेक सामाजिक गतिविधियों से जुड़ीं रहती हैं। उनका जन्म  हिसार में हुआ। उनके पिता मनी राम बिश्नोई एडवोकेट थे  व मां  मीरा गृहिणी थीं । वे आदमपुर के रहने वाले थे। 

-आपकी शिक्षा कहां कहां से और कितनी?
-एफ सी गर्ल्ज काॅलेज से ग्रेजुएशन और गवर्नमेंट काॅलेज से एम ए अंग्रेज़ी ! पीएचडी  बी आर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से की ।
-आपने जॉब कहाँ की 
-गवर्नमेंट कॉलेज  भट्टू कलाँ में 1989  में जाॅयन  किया । फिर 1990 से लम्बे समय तक अपनी  सेवाएँ गवर्नमेंट काॅलेज, हिसार में दी थीं और मंगाली के गवर्नमेंट काॅलेज से प्रिंसिपल के रूप में सेवानिवृत्ति हुई । 
-विद्यार्थी जीवन में कौन कौन सी गतिविधियों में हिस्सा लेती रहीं? 
-भाषण व निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में और पुरस्कार भी मिले। 
-कोई खास सम्मान?
-मेरिट में आती रही हमेशा। 
-प्रो नरसी बिश्नोई से शादी कब और परिवार के बारे में बताइये। 
-हमारी शादी सन् 1990 में अप्रैल में हुई और हमारे दो बच्चे हैं। बेटी कादम्बरी एमबीए करने के बाद पी डब्ल्यू सी,कनाडा में जाॅब कर रही है जबकि बेटा प्रद्युम्न  टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख, जर्मनी से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा है । 
-प्रो नरसी बिश्नोई आपकी नज़र में कैसे हैं? 
-बहुत कोआपरेटिव और अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पित इंसान। सब काम पूरे मन से करते हैं। सुबह सवेरे उठ कर नियमित सैर, पौधों को पानी देना और चिड़ियों को दाना।
-आपके शौक क्या हैं?
-संगीत सुनना और साहित्यिक पुस्तकें पढ़ना। अंग्रेज़ी साहित्य से जुड़ी रही तो अग्रेज़ी कवि ज्यादा पढ़ती हूँ। 
-छात्र व शिक्षक का रिश्ता आपकी नज़र में?
-बहुत  गहरा होता है। आजकल छात्र बहुत जागरूक व अपने कैरियर के प्रति सतर्क है।