डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढे: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
लालनाथ हिन्दू कॉलेज में दीक्षांत समारोह आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढऩे का आह्वान किया है। राज्यपाल आज श्री लालनाथ हिंदू महाविद्यालय, रोहतक में आयोजित 13 वें दीक्षांत समारोह में डिग्रियां व मेडल वितरित करने के उपरांत उपस्थित विद्यार्थियों, अभिभावकों व महाविद्यालय स्टाफ के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि डिग्री प्राप्त करने के उपरांत निश्चित रूप से हर एक विद्यार्थी के मन में अपने भविष्य को लेकर सवाल उत्पन्न होते हैं। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि डिग्री लेकर जाने वाले सभी विद्यार्थियों को निश्चित रूप से नौकरी मिल जाएगी। लेकिन अगर नौकरी ना मिले तो भी मायूस होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करते हुए स्वरोजगार के अवसर तलाशने होंगे ताकि दूसरों को नौकरी देने की क्षमता बन जाए। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से नई सोच व विचार के साथ आगे बढऩे की भी अपील की और कहा कि टेक्नोलॉजी का जमाना है। तकनीक का प्रयोग करके हम न केवल अपना बल्कि समाज में राष्ट्र के विकास में भी योगदान दे सकते हैं। इस संबंध में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों का जिक्र भी किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि डिग्री हासिल करने के उपरांत विद्यार्थियों को यह नहीं समझ लेना चाहिए कि उनका अब विद्यार्थी जीवन समाप्त हो गया है, बल्कि उन्हें लगातार अध्ययन व संघर्ष करते रहना चाहिए। अध्ययन के बल पर जीवनभर विद्यार्थी बना रहा जा सकता है। नमस्कार शब्द की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम किसी को नमस्ते कहते हैं तो इसका अर्थ होता है कि दूसरे व्यक्ति की अच्छाई हम ग्रहण करें और हमारे भीतर की बुराई का अंत हो जाए।
राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि वह अपने मन में सदैव राष्ट्र व समाज सेवा की भावना को रखें और अपने माता-पिता व शिक्षकों को कभी भी ना भूले। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति से एक बड़ा बदलाव आया है। नई शिक्षा नीति नवाचार व नई तकनीक पर आधारित है। नई शिक्षा नीति न केवल स्वरोजगार व कौशल विकास पर आधारित है बल्कि इसमें नैतिक मूल्यों का भी समावेश किया गया है। उन्होंने कहा की नई शिक्षा नीति के तहत अब बीटेक व एमबीबीएस जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को भी मातृभाषा में पढऩे के नियम लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको मातृ व राष्ट्रभाषा का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा भी सीखनी चाहिए, लेकिन इसका गुलाम नहीं बनना चाहिए। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ मंगल सैन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मंगल सेन के मार्गदर्शन में वर्ष 1971 में स्वामी गुरुचरण दास महाराज द्वारा इस महाविद्यालय की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि डॉ मंगल सैन की सोच थी कि शिक्षा के माध्यम से युवा पीढ़ी में राष्ट्रीय चिंतन व राष्ट्रीयता की भावना पैदा की जाए। डॉ मंगल सेन का पूरा जीवन सादगी से भरा रहा और विचार उनके महान थे। उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित महाविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी निश्चित रूप से सौभाग्यशाली है। राज्यपाल ने इससे पहले महाविद्यालय परिसर में दिवंगत डॉ. मंगल सैन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्घांजलि दी।
हरियाणा के पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा एक ऐसी यात्रा है जो हमें ऊंचाइयों तक ले जाती है। ग्रोवर ने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए उसके छात्र ही उसके ब्रांड एम्बेसडर होते हैं। क्योंकि ये ही छात्र जब सफल होकर जब बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज या बड़े प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवा देते हैं तो कहीं ना कहीं उस संस्थान को भी उनकी सफलता के साथ याद किया जाता है।
मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि लालनाथ हिंदू महाविद्यालय की स्थापना में दिवंगत डॉ मंगल सेन का उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि बंटवारे के उपरांत समाज के लोगों ने शैक्षणिक दृष्टि से आगे बढ़ाने के लिए इस महाविद्यालय की स्थापना करवाई थी। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान चपरासी से लेकर प्राचार्य तक के पदों पर रहने वाले लोगों को जेल की यातनाएं सहनी पड़ी और बिना वेतन के अपनी सेवाएं दी। उन्होंने कहा कि आज यह संस्था एक वट वृक्ष का रूप ले चुकी है। उन्होंने बताया कि हर तीन वर्ष के उपरांत यहां चुनाव करवाया जाता है। ग्रोवर ने राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा की ओर से संस्था को 21 लाख रुपए की राशि देने की भी घोषणा की।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार तनेजा ने महाविद्यालय की वार्षिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला। संस्था के प्रधान सुदर्शन धींगड़ा ने आए हुए मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी भविष्य में भी लग्न व परिश्रम के साथ आगे बढ़ेंगे और संस्था का नाम रोशन करेंगे। संस्था की ओर से राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मनीष कुमार ग्रोवर तथा विशिष्ट अतिथि गोकर्ण पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर बाबा कपिलपुरी को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।