आउट ऑफ बॉक्स सोचें विद्यार्थीः प्रो. ए.एस. मान

मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च इन साइंस विषय पर नेशनल सेमिनार आयोजित।

आउट ऑफ बॉक्स सोचें विद्यार्थीः प्रो. ए.एस. मान

रोहतक, गिरीश सैनी। वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च पर फोकस करें। मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च से न केवल शैक्षणिक उन्नति होगी, बल्कि समाज और प्रकृति को भी लाभ पहुंचेगा। एमडीयू के जूलॉजी विभाग के तत्वावधान में - मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च इन साइंस विषय पर आयोजित नेशनल सेमिनार में डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने यह विचार रखे।

प्रो. ए.एस. मान ने बतौर मुख्यातिथि इस नेशनल सेमिनार का शुभारंभ करते हुए कहा कि विद्यार्थी आउट ऑफ बॉक्स सोचें और खुद को अपडेट रखें। उन्होंने कहा कि जटिल समस्याओं के समाधान, नवाचार में वृद्धि, व्यापक सामाजिक प्रभाव तथा नए शोध क्षेत्रों के विकास के लिए शोधार्थी मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च के लिए आगे आएं।

कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने शुभारंभ सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करते हुए सेमिनार के विषय को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इंटरडिसिप्लिनरी इनोवेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं। डीन, फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज प्रो. मीनाक्षी वशिष्ठ ने जीव विज्ञान संकाय की शोध गतिविधियों बारे जानकारी दी। जूलॉजी विभागाध्यक्षा और सेमिनार की कन्वीनर प्रो. मीनाक्षी शर्मा ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। सेमिनार के कोऑर्डिनेटर प्रो. विनय मलिक ने आभार जताया। जेएनयू, नई दिल्ली के स्पेशल सेंटर फॉर नैनो साइंस की डॉ. प्रतिमा सोलंकी, पं. बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सुधीर कुमार अत्री, एमडीयू के डीन आर एंड डी प्रो. हरीश दुरेजा ने बतौर वक्ता सेमिनार में शिरकत की। इस दौरान प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

की-नोट स्पीकर डा. प्रतिमा सोलंकी ने-पोटेंशियल ऑफ नैनोटेक्नोलाजी इन थेरानोस्टिक्स, प्रो. सुधीर कुमार अत्री ने- द रोल ऑफ एचपीएलसी इन मेडिकल साइंस तथा प्रो. हरीश दूरेजा ने- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन हेल्थ केयर विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। इस नेशनल सेमिनार में 60 ओरल प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की गई और लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया।