65वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विषय विशेषज्ञों ने दिए व्याख्यान

65वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विषय विशेषज्ञों ने दिए व्याख्यान

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि में ऐसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट इंडिया (एएमआई) का 'मानव कल्याण के लिए सूक्ष्म जीवों के परिप्रेक्ष्य' विषय पर आयोजित चार दिवसीय 65वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न तकनीकी सत्रों में प्रतिभागियों को व्याख्यान दिए। इस दौरान सम्मेलन की संयोजक सचिव व गुजवि की डीन इंटरनेशनल अफेयर्स एवं एएमआई की महासचिव प्रो. नमिता सिंह, सम्मेलन के संयोजक बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार व सीसीएस हरियाणा कृषि विवि के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एवं एएमआई हिसार इकाई के अध्यक्ष प्रो. राजेश गेरा मौजूद रहे। 

प्रो. नमिता सिंह ने बताया कि शुक्रवार को हुए प्लीनरी चर्चा सत्रों में कृषि में सूक्ष्म जीव इनॉक्यूलेशन के महत्व को उजागर किया गया। विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषि में सूक्ष्मजीवी अनुप्रयोगों की संभावनाओं को रेखांकित किया गया ताकि उच्च उत्पादकता और सतत कृषि पद्धतियों को प्राप्त किया जा सके। 

एएमआई की माइक्रोबायोलॉजी आउटकम बेस्ड कोर्स करिकुलम डेवलपमेंट बैठक में पाठ्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई।

प्लीनरी चर्चा सत्र-2 में जर्मन एसोसिएशन ऑफ होमा थेरेपी, मुहलिनजेन, जर्मनी के डा. उलरिच बर्क ने 'अग्नीहोत्रा एंड माइक्रो ऑर्गेनाइज्म - इफेक्ट्स ऑन इनवायर्नमेंट पर व्याख्यान दिया। यूनिवर्सिटी ऑफ टेनेसे, अमेरिका के प्रो. बेरी टी राउज ने 'मीटिंग दा चैलेंज ऑफ कंट्रोलिंग वायरल इम्युनो पैथोलॉजी' विषय पर व्याख्यान दिया। जीजीएस इंद्रप्रस्थ विवि नई दिल्ली के प्रो. एन. रघुराम ने 'क्रॉप नाइट्रोजन यूज एफिशिएंसी फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर बेलेंसिंग बैक्टीरियल एनटू-फिक्सेसन विद प्लांट एनटू-एसीमिलेशन' विषय पर, एग्रीकल्चर एंड क्लाइमेट चेंज' विषय पर तथा सोकोटो स्टेट यूनिवर्सिटी, सोकोटो, नाइजीरिया के एजी. कुलपति प्रो. एम.बी. येरीमा ने 'अलगल बायोटेक्नोलॉजी एंड इमर्जिंग ब्ल्यू इकोनॉमी इन नाइजीरिया' विषय पर व्याख्यान दिए। 

चाइल्ड स्पेसिफिक एक्टिविटी सत्र में सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, मोदीपुरम मेरठ के पूर्व कुलपति प्रो. गया प्रसाद ने 'रोल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी' विषय पर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग हरियाणा के पंजीकृत पेटेंट एंड ट्रेडमार्क एजेंट डा. राहुल तनेजा ने 'इनोवेशन एंड इंटेलेक्युअल प्रोपर्टी राइटस' विषय पर व्याख्यान दिए।

प्लीनरी चर्चा सत्र-3 में एनआईपीजीआर नई दिल्ली की डा. गीतांजलि यादव, उजबेकिस्तान एकेडमी ऑफ साइंसिज, किबरे, उपबेकिस्तान के डा. दिलफुजा जेबोरोवा, एग्रीकल्चर विवि कोयम्बटूर, तमिलनाडु के प्रो. शिवाकुमार उदांडी ने व्याख्यान दिए। सत्र-4 में जीजीएस आईसीएमआर-एनआईवी पुणे की डा. दीप्ती पराशर, एल्बर्ट इन्सटीन अली, उल्म जर्मनी के प्रो. बरबरा स्पेलरबर्ग, गुलबर्गा यूनिवर्सिटी, कलबुर्गी, कर्नाटक के प्रो. दयानंद अगसर, तथा महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज ऑफ़ प्रोफेशनल साइंसिज, इंदौर, मध्य प्रदेश के प्रो. शीतल भसीन ने व्याख्यान दिए।

इसके अतिरिक्त अन्य प्लीनरी चर्चा सत्रों में यूनिवर्सिटी मलेशिया टेरेनगानू, मलेशिया के डा. मोहम्मद उलूल इल्मी बिन अहमद नाजरी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा महेंद्रगढ़ के प्रो. बिरेन्द्र सिंह, बरहमपुर यूनिवर्सिटी उड़ीसा के डा. संदीप कुमार दश, नॉर्थ इस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी मेघालय की डा. श्रुति शुकला, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात की डा. अंजु पाप्पाचन, सीएसआईआर-आईएचबीटी, होलटा, पालमपुर हिमाचल प्रदेश की डा. योगेन्द्रा पाडवाड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली के डा. अनिल कुमार, यूनिवर्सिटी ऑफ देहली साउथ कैम्पस, नई दिल्ली की प्रो. अमिता गुप्ता, टीईआरआई, नई दिल्ली के प्रो. बनवारी लाल, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के प्रो. नवीर गुप्ता, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, गढ़वाल, उत्तराखंड के प्रो. संजय के.एस. पटेल, बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी, भोपाल की डा. रागिनी गोठालवाल, यूनिवर्सिटी ऑफ देहली साइंस, आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज नई दिल्ली की डा. उरमी बाजपेयी, एलएसयू हेल्थ शरेवेपोअर्, लुसियाना, यूएसए के डा. रोहित के. जांगड़ा, कुवैत यूनिवर्सिटी, कुवैत के प्रो. सुहेल अहमद, कासरागोड-कान्नौर यूनिवर्सिटी, केरल के सिनोश सकारीयाचान, एलएसयू हेल्थ, शरेवेपोर्ट, लुसियाना, यूएसए की डा. सुशमा भारहान, कुवैत यूनिवर्सिटी के प्रो. अबु सलीम मुस्तफा, सीएसआइआर-इंस्टिट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़ के प्रो. रवि मिश्रा तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वन हेल्थ, नागपुर की प्रो. प्रज्ञा डी. यादव ने ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिए।