भाषाई अस्मिता तथा भाषायी संस्कार की अहमियत को रेखांकित किया सुनित मुखर्जी ने

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में काव्य पाठ प्रतियोगिता आयोजित।

भाषाई अस्मिता तथा भाषायी संस्कार की अहमियत को रेखांकित किया सुनित मुखर्जी ने

रोहतक, गिरीश सैनी। शब्दों की सृजनशीलता, मानवीय भावनाओं की इंद्रधनुषी छटा बुधवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग की इंगलिश लिटरेरी सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित कविता पाठ प्रतियोगिता में बिखरी। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में इस काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

एमडीयू के विभिन्न शैक्षणिक विभागों के 30 विद्यार्थियों ने स्वरचित तथा प्रतिष्ठित कवियों की रचनाओं की सुंदर प्रस्तुति दी। स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता में अंग्रेजी विभाग के मुकुल यादव प्रथम, अंग्रेजी विभाग की मिस्बा द्वितीय तथा अंग्रेजी विभाग की हिना व साहिल तीसरे स्थान पर रहे।

प्रतिष्ठित कवियों की रचनाओं पर काव्य पाठ प्रतियोगिता में हिन्दी विभाग के अंकित प्रथम, हिन्दी विभाग की पूजा द्वितीय तथा अंग्रेजी विभाग के यश दलाल तीसरे स्थान पर रहे। हिन्दी विभागाध्यक्षा प्रो. कृष्णा जून, अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. जयश्री शंकर तथा संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डॉ. रवि प्रभात ने निर्णायक का दायित्व निर्वहन किया। कार्यक्रम में मंच संचालन कामना तथा साहिल ने किया।

इंग्लिश लिटरेरी सोसायटी की परामर्शदाता प्रो. रश्मि मलिक ने आभार प्रदर्शन किया। प्रो. रश्मि मलिक ने कहा कि इस प्रतियोगिता के आयोजन से विद्यार्थियों में सृजनात्मकता के विकास का रास्ता प्रशस्त होगा। प्रो. रश्मि ने निर्णायक मंडल, लिटरेरी सोसायटी टीम तथा प्रतिभागियों का आभार जताया।

एमडीयू के निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की उत्पत्ति, पृष्ठभूमि तथा महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भाषाई अस्मिता तथा भाषायी संस्कार की अहमियत को रेखांकित किया। साहित्य के मानवीय सरोकारों को साझा करते हुए उन्होंने भाव प्रवण काव्य पाठ किया। प्रतिभागियों से अध्ययनशीलता तथा सृजनशीलता के पथ पर चलने का आह्वान उन्होंने किया।

प्रतिभागियों ने प्रकृति प्रेम, मानवीय भावनाओं, सामाजिक दशा-दिशा, भाषायी प्रेम तथा राष्ट्रीय चिंतन से जुड़ी कविताओं की प्रस्तुति से अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को जीवंत कर दिया।