हिन्दी भाषा के जरिए विविध क्षेत्रों में रोजगार के विकल्पों की जानकारी दी सुनित मुखर्जी ने
हिन्दी दिवस पर निबंध लेखन में हिना, पोस्टर मेकिंग में प्रियंका प्रथम।
रोहतक, गिरीश सैनी। हिन्दी भाषा भारत की राजभाषा है। इस भाषा पर न केवल हमें गर्व होना चाहिए, बल्कि आधिकारिक समेत निज जीवन में भी भाषा का प्रयोग करने की संकल्पबद्धता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में वक्ताओं तथा विद्यार्थियों ने व्यक्त की।
विभागाध्यक्षा प्रो कृष्णा जून ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विद्यार्थियों को प्रयास करना होगा। आज जरूरत है कि हम हिन्दी भाषा का प्रयोग करने में गर्व महसूस करें।
कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ रश्मि मलिक तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक सुनित मुखर्जी ने संबोधन किया। प्रो रश्मि मलिक ने हिन्दी विभाग की विदेश में भी लोकप्रियता का विशेष उल्लेख किया। वहीं, सुनित मुखर्जी ने हिन्दी भाषा को रोजगार से जोड़ने तथा हिन्दी भाषा के जरिए पत्रकारिता एवं जनसंचार, कंटेंट लेखन, विज्ञापन, टीवी तथा फिल्म उद्योग में पटकथा लेखन आदि विविध क्षेत्रों में रोजगार के विकल्पों बारे बताया। प्रो रश्मि मलिक, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ श्री भगवान तथा सुनित मुखर्जी ने हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में निर्णायक का दायित्व निर्वहन किया।
हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ कृष्णा देवी तथा डॉ अनिल कुमार ने कार्यक्रम तथा प्रतियोगिता का संयोजन-समन्वयन किया। इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो कृष्णा जून, प्राध्यापकों- डॉ कृष्णा देवी, डॉ अनिल कुमार तथा निर्णायक मंडल ने विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
निबंध लेखन प्रतियोगिता में अंग्रेजी विभाग की हीना अहलावत प्रथम, हिन्दी विभाग की मधु द्वितीय तथा गणित विभाग का निखिल तृतीय स्थान पर रहे। सांत्वना पुरस्कार प्रियंका (हिन्दी), प्रीति (अर्थशास्त्र) तथा प्रियंका (हिन्दी) को प्राप्त हुआ। त्वरित भाषण प्रतियोगिता में रवि (हिन्दी विभाग) प्रथम, अतुल (संस्कृत विभाग) द्वितीय तथा सुनीता (गणित विभाग) तृतीय रहे। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में हिन्दी विभाग की प्रियंका प्रथम, अंग्रेजी विभाग की प्रिया द्वितीय तथा सांख्यिकी विभाग की मोनिका तृतीय स्थान पर रहे। सांत्वना पुरस्कार सांख्यिकी विभाग की मुस्कान तथा हिन्दी विभाग की मोनिका को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी पूनम बिश्नोई ने किया।