हरियाणा फिल्म फेस्टिवल में छाई सुपवा की फ़िल्में
सुपवा सशक्त सिनेमा का एक सजीव केंद्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है: कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। पं. लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विज़ुअल आर्ट्स (डीएलसी सुपवा), रोहतक की फिल्म एवं टेलीविजन संकाय की दो लघु फिल्मों ने एमडीयू, रोहतक में आयोजित हरियाणा फिल्म फेस्टिवल में सुर्ख़ियाँ बटोर कर विवि समुदाय को गौरवान्वित किया है।
सुपवा के सहायक प्रोफेसर (एक्टिंग) आशीष नेहरा द्वारा लिखित और निर्देशित 24 मिनट की लघु फ़िल्म “बंटू की टोली”, को प्रोफेशनल श्रेणी में टोकन ऑफ अप्रिसिएशन से सम्मानित किया गया। गांव बमला की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म में स्वच्छ भारत मिशन का संदेश हास्य और मनोरंजन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। फिल्म की कहानी एक ऐसे गांव की है जो कचरा प्रबंधन की समस्या से जूझ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता विकास लोगों को जागरूक करने की कोशिश करता है, परंतु ग्रामीण इसका विरोध करते हैं। तभी गांव के कुछ शरारती बच्चे बंटू की अगुवाई में एक अफवाह फैलाते हैं कि गांव में कचरा फैलाने से भूत आ जाता है। इसके बाद गांव में जो बदलाव आता है, वह फिल्म को हास्य और संवेदनशीलता से भर देता है।
यह फिल्म जयपुर फिल्म फेस्टिवल और रायपुर फिल्म फेस्टिवल में पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। फिल्म की तकनीकी टीम में दिलिप अहिरवार (साउंड डिजाइन), सत्य प्रकाश राठ (छायांकन) और राजेश बेदवाल (एडिटिंग) शामिल हैं – सभी डीएलसी सुपवा से जुड़े हैं। फिल्म में ऋषभ परिक, विकास रोहिल्ला, सुजाता, करणवीर, शैलेश, जिनेश, राखी, अविनाश सैनी, ललित खन्ना, विश्वदीपक त्रिखा, समीर, सिकंदर और सौरभ जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने अभिनय किया है।
सुपवा के अभिनय विभाग के छात्रों नैना और चेतन शर्मा द्वारा निर्देशित फ़िल्म “नचार” ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता। यह फिल्म एक ऐसे पुरुष कलाकार की मानसिक और सामाजिक पीड़ा को दर्शाती है, जो मंच पर महिला किरदार निभाता है। इस फिल्म को विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स में पहले ही सराहा जा चुका है।
दोनों फिल्मों से जुड़ी टीमों को कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने कुलसचिव डॉ. गुंजन मलिक और फिल्म एवं टेलीविजन संकाय के अध्यक्ष डॉ. महेश की उपस्थिति में अपने कार्यालय में सम्मानित किया।
कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धियाँ छात्रों और शिक्षकों की रचनात्मक क्षमता और सिनेमा के प्रति उनकी परिपक्व समझ का प्रमाण हैं। यह देखना अत्यंत सुखद है कि क्षेत्रीय कहानियों को इतनी स्पष्टता, शिल्प और प्रतिबद्धता के साथ पर्दे पर लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुपवा प्रशासन उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने और सशक्त सिनेमा का एक सजीव केंद्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।