छोरियों को काॅमेडी करते देख हैरान भी होते हैं और सबसे पहले देखते भी हैं : रेणु दूहन
-कमलेश भारतीय
छोरियों को काॅमेडी करते देख लोग हैरान भी होते हैं और सबसे पहले देखते भी हैं । यह कहना है स्टैंड अप काॅमेडी से चर्चित कलाकार रेणु दूहन को । रेणु मार्च में मनीष जोशी के रंग आंगन नाट्योत्सव में आई थीं और सम्मानित भी की गयी थीं । तभी सोचा कि ऐसी हास्य कलाकार से भी बातचीत की जाये । आज फोन पर बात हुई । वैसे तो इनका परिवार पेटवाड़ का रहने वाला है लेकिन बसा जींद में है । इसलिए पढ़ाई लिखाई जींद में हुई । ग्रेजुएशन हिंदू काॅलेज से कई तो डीपीएड की कौल के जनता काॅलेज से और एम ए हिंदी की कुरूक्षेत्र विश्विद्यालय से । अभी मन में हिंदी में पीएचडी करने का विचार भी है ।
-स्कूल काॅलेज के दिनों में कौन सी गतिविधियों में भाग लेती रही ?
-कविता पाठ , भाषण , लेखन और स्किट में । काॅलेज में थियेटर में रूचि बढ़ गयी और श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी जीता । कविता पाठ में भी कभी प्रथम तो कभी द्वितीय रही । रत्नावली में चुटकुलों में ही पुरस्कार ।
-फिर यह स्टैंड अप काॅमेडियन कैसे ?
-मेरा परिचित है और जो इस शो में सहयोगी भी मोहन दलाल । वह यह प्रस्ताव लेकर आया कि दीदी ! यह काॅमेडी शो कर लो । मैंने कहा कि रत्नावली में चुटकुले सुनाना और बात है । यह शो करना और बात । फिर उसकी प्रेरणा से मैंने स्टेज ऐप के लिए यह शो कर लिया ।
-पहला शो कितने मिनट का था ?
-अट्ठाइस मिनट का । इसका शीर्षक था -नये जमाने की छोरियां । इसका पार्ट टू अभी 20 जून को आया है ।
-और क्या क्या किया ?
-मैं यूट्यूब चैनल -स्वादु स्टाफ फिल्म , में भी काॅमेडी करती हूं ।
-घर वालों ने मना नहीं किया ?
-नहीं । वे कहते थे कि तेरी बातें ही चुटकुलों जैसी हैं और तुम हमारी बात मानोगी थोड़े ही । इसलिए कर लो अपने मन की ।
-कोई जाॅब ?
-नहीं । अपना ही चैनल और स्टैंड अप काॅमेडियन ।
-इससे क्या मिल जाता है ?
-अपना काम चल जाता है इतना मिल ही जाता है ।
-फिर ?
-संघर्ष तो खुद ही करना पड़ता है और और रहे हैं ।
-आगे क्या लक्ष्य ?
-एम ए हिंदी कर रखी है । पीएचडी भी करना चाहती हूं और काॅमेडी जारी रहेगी ।
-कौन सा काॅमेडियन पसंद है ?
-कपिल शर्मा ।
हमारी शुभकामनाएं रेणु दूहन को ।