स्वतंत्रता का पावन दिवस
क्रांतिकारियों ने काट दी,
ज़ंजीर परतंत्रता की।
सेनानियों ने लिख दी,
तक़दीर स्वतंत्रता की।
रोम- रोम से कोटि - कोटि नमन,
जुनूनी शूरवीरों को।
आओ, सर झुका दें देखकर,
उनकी तस्वीरों को।
दिलाई उनकी शहादत ने,
हमें राष्ट्रीय स्वतंत्रता ।
आओ, अपनाकर स्वदेशी करें प्राप्त,
हम आर्थिक स्वतंत्रता ।
संकल्प लो, प्रण लो, आगे बढ़ो,
करो या मरो, जीवन में रंग भरो।
सलाम है सीमा पर तैनात जवानों को,
जिनकी साँसों से तिरंगा लहराता है।
वो देखो, नीले गगन पर भी,
स्वतन्त्र भारत का ध्वज फहराता है।
भारत माता की जय !
वंदे मातरम !!
( ललित बेरी)